आइएएस अफसर सुप्रिया साहु ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक किसान महिला का विडियो सांझा किया है। रेवती नाम की इस महिला ने विधवा होने के बाद भी अपनी बेटी को पढ़ाया और इंजिनियर बनाया।

रेवती बहादुर महिला किसान

निलगीरी में रहने वाली रेवथी नामक महिला के पति का बाइस सालों के पहले मृत्यु हो गई थी। सर से अपने पति का साया उठ जाने के बावजूद रेवती के कदम डगमगाए नहीं। उसने हिम्मत से काम लेते हुए कड़ी महेनत की।

बेटी को बनाया इंजिनियर

कहा जाता है कि,” इंसान तेरी महेनत और भगवान तेरी कुदरत। कुछ ऐसा ही मामला इस महिला किसान रेवथी के साथ हुआ है।
चाय की खेती करने वाली इस महिला ने दिन रात इकठ्ठे किए और महेनत की। रेवथी की महेनत रंग लाई और आज रेवथी की बेटी बेंगलुरु में महिंद्रा टे्क. में बतौरे सोफ्टवेयर इंजिनियर के कार्यरत हैं। सुप्रिया साहु ने इस विडियो को शेयर करते हुए इस महिला की प्रशंसा की है और साथ ही आनंद महिंद्रा का भी आभार व्यक्त किया है।

सुप्रिया साहु की इस पोस्ट पर युजर्स ने भी अपने मिलते जुलते रिव्यूज दिए हैं,जो कुछ इस तरह से है,

इनके संघर्षशील जीवन से व्यवस्था भी सीखे

सुप्रिया साहु की इस पोस्ट पर एक युजर ने आने विचार व्यक्त करते हुए लिखा है कि,”राज्य की व्यवस्था पर अफसोस होता है, जिन्हे ऐसे संघर्षशील लोगो कि पहेचान नही होती. ऐसे लोगो के पास खोने को भी कुछ नही है, ना ही इन्हे कुछ पाने कि आशा है. इनके संघर्षशील जीवन से व्यवस्था का पालन हमे भी सिखना चाहिये.

आत्मसम्मान का दुसरा नाम महिला है.

वही एक युजर ने रेवथी को सलाम करते हुए लिखा है कि,”आत्मसम्मान का दुसरा नाम ही महिला है “.

रेवथी एक द्रष्टांत

वही एक युजर ने इस किसान महिला की तारीफ करते हुए उसे सभी के लिये एक द्रष्टांत स्वरूप कहा है.

सलाम है रेवथी को

एक युजर ने इस किसान महिला रेवथी को सलाम करते हुए आईएएस सुप्रिया साहू का भी इस पोस्ट को शेयर करने के लिये धन्यवाद किया है.

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