पटनाः बिहार के सेवानिवृत पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने मंगलवार को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली है। उनके वीआरएस को बिहार और केंद्र सरकार ने स्वीकार भी कर लिया है। गुप्तेश्वर पांडे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैंने स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली है, ये मेरा अधिकार है। आगे उन्होंने कहा कि 2 महीने से मेरा जीवन जीना मुश्किल हो गया था। हर रोज मुझे इस्तीफे को लेकर फोन आ रहे थे। लोग खबर चला रहे थे, लेकिन इस पर मैंने कुछ नहीं कहा।
सुशांत मामले से मेरे वीआरएस का कोई लेना-देना नहीं
गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि कई लोग मुझे सुशांत सिंह राजपूत मामले से जोड़कर देख रहे हैं और ट्रोल कर रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि सुशांत मामले से मेरे वीआरएस का कोई भी लेना -देना नहीं है। मैंने केवल सुशांत के पिता की सहायता की, लेकिन मेरी CBI की अनुशंसा पर भी प्रश्न उठे, जो उच्चतम न्यायालय ने सही ठहरा दिया। लोगों का कहना है कि मैंने सुशांत के मामले को उछाला, लेकिन मैंने केवल सुशांत को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी। लोग इसे राजनीति से जोड़ रहे हैं, जोकि पूर्णतया गलत है।
रिया की औकात वाले बयान पर कही ये बात
वहीं आगे गुप्तेश्वर पांडे ने रिया चक्रवर्ती की औकात बताने वाले बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरी किसी भी तरह कोई गलत भावना नहीं थी। मेरे शब्दों के चयन को लेकर कुछ गलती हो गई, जिसके लिए मैं खेद जता चुका हूं। मैं सिर्फ सुशांत सिंह के परिवार वालों को इंसाफ दिलाना चाहता हूं।
गुप्तेश्वर पांडे ने कहा मुझ पर कोई पूर्वाग्रह का आरोप नहीं
गुप्तेश्वर पांडे का कहना है कि मैंने 34 साल की सेवा अवधि पूरी की है। इस दौरान किसी भी दल की कोई पार्टी या नेता मुझ पर पूर्वाग्रह का आरोप नहीं लगा सकता है। मैंने सभी का काम किया है, मेरी निष्पक्षता पर किसी ने सवाल नहीं खड़ा किया है। मैंने 50 से ज्यादा मुठभेड़ की हैं और कोई ये नहीं कह सकता है कि मैंने किसी भी निर्दोष के साथ कुछ गलत किया हो। मैंने किसी भी अपराधी के साथ कोई समझौता नहीं किया है।
राजनीति में आने के वाले सवाल पर दिया ये जवाब
गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि मैंने कब कहा कि मैं चुनाव लड़ रहा हूं, समाज की सेवा करने के लिए राजनीति ही सिर्फ एक माध्यम नहीं है। मैंने अभी कोई राजनीतिक पार्टी जॉइन नहीं की है और अगर करूंगा तो सबको इसकी जानकारी दी जाएगी। बता दें कि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के वीआरएस लेने पर रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने कई सवाल उठाए हैं।
मानशिंदे ने बयान जारी कर कहा,
“बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे की वीआरएस रिक्वेस्ट को बिहार सरकार और केंद्र सरकार ने 24 घंटे के अंदर अनुमोदन दे दिया। जिस तरह बिहार सरकार ने रिया के खिलाफ दर्ज की गई FIR को CBI को ट्रांसफर किया था और केंद्र ने इसे स्वीकार कर लिया था। ये सुशांत के साथ न्याय नहीं बल्कि गुप्तेश्वर पांडे के लिए न्याय हुआ है। “