कानपुर एनकाउंटर में फरार चल रहे हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के करीबी जय बाजपेई के साथ सुबह वायरल हुई कानपुर के पूर्व एसएसपी व वर्तमान मे डीआईजी एसटीएफ अनंत देव की फोटो पर शाम तक कार्यवाही कर दी गई. शाम को उनको डीआईजी पद से हटाकर उप महानिरीक्षक पीएसी मुरादाबाद सेक्टर मुरादाबाद भेज दिया गया. तो वही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ के पद पर सुधीर कुमार सिंह को नई तैनाती दी गईं है.
गौरतलब है कि कानपुर एनकाउंटर मामले मे फरार विकास दूबे के कई राजनेताओं और पुलिस अधिकारियो के साथ मित्रता की खुल रही है परत दर परत, तमाम फोटो और वीडियो हो रहे वायरल. कुछ फोटो मे तो वह सीधे बड़े नेताओं, मंत्रियो के साथ नजर आ रहा है, तो कुछ मे उसके लंगोटिया यार के साथ अधिकारी नज़र आये है.
ताज़ा मामला आया है कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंत देव का. देर रात वायरल हुई एक फोटो मे विकास दूबे का नजदीकी जय वाजपेयी कानपुर के तत्कालीन SSP अनंत देव के साथ नज़र आ रहा है.
एसएसपी के साथ जय वाजपेयी की फोटो सामने आने पर पूरे पुलिस महकमे मे हड़कमप मच गया है. गौरतलब है कि जय वाजपेयी के निजी कार्यक्रमो में विकास दुबे हमेशा नजर आता था. माना जा रहा है कि जय वाजपेयी ही विकास को लक्जरी गाड़िया भी उपलब्ध कराता था।
एक दिन पहले ही जय वाजपेयी की 3 लक्जरी गाड़िया (ऑडी, फार्च्यूनर, वर्ना) पुलिस को काकादेव से लावारिस हाल में बरामद हुई थी. फिलहाल जय से STF लखनऊ लगातार पूछताछ कर रही है।
गौरतलब है कि 2 जुलाई की रात कानपुर चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में विकास दुबे को पकड़ने गईं पुलिस पर विकास ने हमला कर दिया था। जिससे 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. विकास तो भाग गया लेकिन पुलिस उसके परिवारवालों, रिश्तेदारों, मित्रो आदि से पूछताछ कर रही है।
कौन है जय वाजपेयी….
महज़ सात साल में एक आम आदमी से करोड़पति कोई बन जाए तो थोड़ा आश्चर्य तो होगा ही। कुछ ऐसा ही जय के साथ हुआ। मिली जानकारी के अनुसार जय सात साल पहले तक कुछ नहीं था, लेकिन विकास के संपर्क मे आते ही वह रंक से राजा बन गया। उसको लग्ज़री गाड़ियां रखने का शौक हो गया। फिलहाल तो पूछताछ के लिए एसटीएफ ले गई है। तीन दिन से ज़िला पुलिस उससे विकास को लेकर पूछताछ कर रही है। उसके घर से कई लग्ज़री गाड़ियाँ पकड़ी गई हैं। जय का पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेज की भी जाँच एसटीएफ कर रही है।
कुछ यूँ बढ़ा जय करोड़ो की संपत्ति की तरफ….
2012-13 में प्रिंटिंग प्रेस में 4 हज़ार की नौकरी करता था और एक पान की दुकान में पार्टनरशिप थी।
2013-14 में विकास दुबे से जय की नजदीकी बढ़ी।
2014-15 में जय बाजपेई जमीनों की खरीद फरोख्त करने लगा। विकास के टेरर के बल पर विवादित जमीनों की ख़रीद-फ़रोख़्त में मोटा पैसा कमाया।
2015-16 में नेहरू नगर-ब्रहमनगर,पी रोड आदि मार्केट में ब्याज पर रुपए बांटने और बीसी का काम शुरू किया।
2016-17 में 15 से अधिक मकान और फ्लैट का मालिक बन गया।
2017-18 में अब तक करोड़ों की चल-अचल सम्पत्ति बना चुका है। इसी बीच लखनऊ – कानपुर रोड पर एक बेनामी पेट्रोल पम्प बनाया।
2018-19 में कानपुर के ब्रहम नगर में एक दर्जन से अधिक मकान होने की खबर के बाद जय और उसके भाई की कई बार जांच हुई। पुलिस से बचे रहने के लिए इसने कई मकानों में दारोगा, सिपाही को रखा है।
2019 के बाद जय बाजपेई कानपुर का उभरता हुआ समाजसेवी और तथाकथित ब्राह्मण नेता के रूप में उभरने लगा।
आईजी रेंज लखनऊ को सौंपी गईं है एसएसपी की जाँच….
तत्कालीन एसएसपी अनंत देव की फोटो विकास के करीबी के साथ सामने आने पर पुलिस विभाग पर कई सवाल उठ रहे है। इस पर एसएसपी की जांच ADG जोन कानपुर से ले कर, अब आईजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह को सौंप दी गईं है।