सत्ता छोड़ने को तैयार नहीं डोनाल्ड ट्रंप, बाइडेन को अब तक नहीं मिली औपचारिक मान्यता

वाशिंगटन:  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर सरल सत्ता हस्तांतरण सुनिश्चित के लिए देश के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन की टीम संग सहयोग करने के लिए दबाव लगातार बढ़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक, नए राष्ट्रपति बाइडेन अगले साल 20 जनवरी को शपथ लेंगे।

वहीं इस बीच, बाइडन ने सरकार बनाने के लिए कदम उठाने की भी शुरुआत कर दी है।  इसके साथ ही बाइडेन ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए टीम को तैयार करना भी शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि, यह प्रक्रिया बाइडेन को औपचारिक राष्ट्रपति की मान्यता देने से पहले शुरू नहीं हो सकती है।

जीएसए ने अभी तक नहीं दी बाइडन को निर्वाचित राष्ट्रपति की मान्यता

सत्ता छोड़ने को तैयार नहीं डोनाल्ड ट्रंप, बाइडेन को अब तक नहीं मिली औपचारिक मान्यता

बाइडेन को जनरल सर्विसेज एडमिनिस्ट्रेशन पर निर्वाचित राष्ट्रपति के तौर पर औपचारिक रूप से मान्यता देने की जिम्मेदारी है। वहीं इसके बाद सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया की शुरूआत होगी। आपको बता दें कि, जीएसए की प्रशासक एमिली मर्फी ने ये प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की है।  वहीं डोनाल्ड ट्रंप की नियुक्ति भी एमिली ने ही की थी। इसके साथ ही स्थिति स्पष्ट नहीं होने पर ये सवाल उठने लगे हैं कि अभी तक अपनी हार को स्वीकार नहीं करने वाले डोनाल्ड ट्रंप सरकार बनाने की डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रयास को रोक सकते हैं।

द्विदलीय समूह ने भी डोनाल्ड ट्रंप से सत्ता सौंपने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कहा 

सत्ता छोड़ने को तैयार नहीं डोनाल्ड ट्रंप, बाइडेन को अब तक नहीं मिली औपचारिक मान्यता

बाइडेन के सत्ता हस्तांतरण सहयोगी जेन प्साकी ने कहा है कि, ‘अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और उसके हित इसपर निर्भर करते हैं कि संघीय सरकार ये त्वरित संकेत दे कि वह अमेरिका के लोगों की इच्छा का सम्मान करेगी।  इसके साथ ही सत्ता के शांतिपूर्ण और सहज हस्तांतरण में अपना सहयोग भी देगी।  वहीं व्हाइट हाउस में बीते 3 कार्यकालों में शामिल रहे एक द्विदलीय समूह ने भी डोनाल्ड ट्रंप से सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया जल्द से जल्द आगे बढ़ाने की अपील की है।

व्हाइट हाउस के पूर्व अधिकारियों ने भी की ये अपील 

सत्ता छोड़ने को तैयार नहीं डोनाल्ड ट्रंप, बाइडेन को अब तक नहीं मिली औपचारिक मान्यता

सेंटर फॉर प्रेसिडेंशियल ट्रांजिशन सलाहकार बोर्ड ने एक बयान में कहा है कि ये  चुनाव कड़ी मेहनत से लड़ा गया था।  हालांकि, ऐसे राष्ट्रपतियों के उदाहरण से इतिहास काफी भरा हुआ है, जिन्होंने चुनाव परिणाम आने के बाद अपने उत्तराधिकारियों की गरिमा के साथ सहायता की है।

वहीं इस बयान पर पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके जोश बोल्टन और स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्री रह चुके माइकल लिविट, पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के कार्यकाल में व्हाइट हाउस में चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके थॉमस मैक्लार्टी सहित पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में मंत्री रहे पेन्नी प्रित्जकर ने भी साइन किए हैं।