वैक्सीन

भारत में कोरोना महामारी के प्रकोप का 1 साल पूरा होने जा रहा है। इस महामारी के कारण शुरुआत के कुछ महीने तो ऐसे रहे कि सारी गतिविधियां पूरी तरह से बंद रही यानी पूरे देशभर में पूर्ण लॉकडाउन रहा। लोगों का अपने घरों से निकलना बंद रहा। पूर्ण लॉकडाउन के कारण कई सेक्टर में करोड़ों का नुकसान देखा गया। यहीं से कई सेक्टर में ‘वर्क-फ्रॉम-होम’ की शुरुआत हुई। शिक्षा और पठन-पाठन की बात करें तो यह अभी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ही चल रहा है। देश भर के तमाम छोटे-बड़े शिक्षण-संसथान अभी भी खुले नहीं हैं।

इसके अलावा कोरोना महामारी के कारण भारत में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर गतिविधियां बहुत ज्यादा बढ़ी हैं। कुल मिलाकर कहें तो इस महामारी ने डिजिटल इंडिया के लिए एक सुनहरे अवसर का काम किया है। गौरतलब है कि ‘डिजिटल इंडिया‘ कैंपेन की शुरुआत भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री ‘श्री नरेंद्र मोदी‘ द्वारा 2015 में की गई थी। ख़ासकर, इस कोरोना महामारी के काल में  डिजिटल इंडिया ने एक अलग ही सफलता पायी है।

डिजिटल इंडिया की शुरुआत भारत में एक व्यापक परिवर्तन और सुधार के उद्देश्य से की गई थी। इसका उद्देश्य सरकारी सेवाओं को सभी नागरिकों तक आसानी से इलेक्ट्रॉनिकली और डिजिटली  प्रदान करना है ताकि हर छोटी-से-छोटी चीजों के लिए लोगों को लंबी लाइनों में न लगना पड़े और अपना कीमती समय बर्बाद न करना पड़े। इसके साथ ही डिजिटल इंडिया के तहत पूरे भारत भर में इंटरनेट-कनेक्टिविटी को ज्यादा से ज्यादा बढ़ा कर यहाँ के नागरिकों को डिजिटल रूप से सशक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

इसके अंतर्गत भारत के ग्रामीण इलाकों को हाई स्पीड डेटा के माध्यम से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। डिजिटल इंडिया कैंपेन के तहत भारत में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर गतिविधियों को बढ़ाने के लिए काफी प्रयास किए गए हैं और इसका असर भी अब भारत में दिखाई पड़ रहा है।

कोरोना महामारी के आगमन से पहले डिजिटल इंडिया की रफ्तार इतनी नहीं थी जितनी होनी चाहिए, लेकिन कोरोना महामारी के कारण हुए लंबे वक्त के लिए लॉकडाउन ने डिजिटल इंडिया के लिए एक सुनहरे अवसर का काम किया। पूर्ण लॉकडाउन होने के कारण वर्क-फ्रॉम-होम की शुरुआत हुई और इसके कारण लोगों ने खुद को तेज़ी से डिजिटली जोड़ना शुरु कर दिया और आज की स्थिति यह है कि भारत में शायद ही ऐसा कोई सेक्टर बचा होगा जिनकी उपस्थिति डिजिटल प्लेटफॉर्म पर न हो। ऑनलाइन  कैसीनो तक के कारोबार आज की तारीख में ऑनलाइन शिफ्ट हो गए हैं। मतलब, अब जुआ ऑनलाइन घर बैठे, मोबाइल फोन से खेला जा रहा है।

डिजिटल इंडिया का प्रभाव अब तक भारत के शहरों में ही ज्यादातर दिखाई दे रहा था, लेकिन कोरोना महामारी ने भारत के सुदूर गांवों तक इसका विस्तार दिखाया है। अब गांव में भी लोग सरकारी सेवाओं का फायदा घर बैठे अपने मोबाइल फोन से उठा रहे हैं और इसके साथ ही भुगतान के लिए ऑनलाइन माध्यमों का प्रयोग कर रहे हैं। डिजिटल इंडिया अब हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। इसका विस्तार भारत में तेज़ी से बढ़ता जा रहा है, क्योंकि यह समय और श्रम दोनों की बचत करता है । डिजिटल इंडिया ने लोगों को मल्टी-टास्किंग बनाने का भी काम किया है। कई सारे युवा उद्यमी डिजिटल इंडिया के कारण अपने गांव में रह कर ही नए-नए रोजगारों को सीख रहे हैं और कर रहे हैं और आत्मनिर्भर बन रहे हैं। डिजिटल इंडिया ने लोगों की तमाम दैनिक गतिविधियों को सरल और सुलभ बनाने का काम किया है। भारत डिजिटल दुनिया में जिस रफ़्तार से आगे बढ़ता जा रहा है इसे देख कर यही लगता है आने वाले समय में यह पूरे विश्वभर में एक डिजिटली सशक्त देश बन कर उभरेगा।

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