Gold And Silver Latest Prices: धनतेरस से पहले सोना- चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट, अब सिर्फ इतने में मिल रहा 1 तोला

नई दिल्ली: बुधवार को सोने और चांदी की कीमतों में नरमी देखने को मिली है. कमोडिटी एक्सचेंज MCX में गोल्ड फ्यूचर्स 91 रुपये यानी 0.18 फीसदी गिरकर 50,410 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था. सिल्वर फ्यूचर्स भी 287 रुपये यानी 0.34 फीसदी की नरमी के साथ 62,832 रुपये प्रति किलोग्राम था. वहीं, भारतीय बाजार में सोना और चांदी 10 नवंबर को तेजी के साथ बंद हुए थे.

वैक्सीन की खबर से गिरे सोने-चांदी के भाव

Gold And Silver Latest Prices: धनतेरस से पहले सोना- चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट, अब सिर्फ इतने में मिल रहा 1 तोला

सोमवार को कोरोना वायरस की वैक्सीन की खबर आने से गोल्ड और सिल्वर में भारी बिकवाली देखने को मिली. मनी कंट्रोल की खबर के मुताबिक, मार्केट एक्सपर्ट यह सलाह दे रहे हैं कि निवेशक हर गिरावट पर गोल्ड में खरीदारी कर सकते हैं. फिलहाल इस समय सोना का अहम सपोर्ट लेवल करीब 50 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पर नजर आ रहा है.

डॉलर के कमजोर रहने से मिलता है गोल्ड को सपोर्ट

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Prithvi Finmart के डायरेक्टर मनोज जैन के मुताबिक, अमेरिका में राहत पैकेज बढ़ने की उम्मीद और डॉलर के कमजोर रहने से सोना की कीमतों को सपोर्ट मिलता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विकसित देशों में मॉनेटरी पॉलिसी को आसान बनाने से आने वाले महीनों में इनफ्लेशन बढ़ सकता है.

कितना है सोना-चांदी का सपोर्ट लेवल

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जैन ने आगे कहा कि MCX में सोना का सपोर्ट लेवल 50330-50000 रह सकता है जबकि इसका रेजिस्टेंस 50800-51000 लेवल पर रह सकता है. वहीं, चांदी की बात करें तो इसका सपोर्ट लेवल 62500-61800 है जबकि इसका रेजिस्टेंस लेवल 63660-64400 है. निवेशक सोना को 50,000 रुपए के लेवल में और चांदी को 61800 रुपए के लेवल में खरीद सकते हैं.

कोरोना की वजह से सोने के दामों में आई गिरावट

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अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और उसकी जर्मनी की पार्टनर कंपनी BioNTech SE का दावा है कि कोरोना वायरस वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में 90 फीसदी प्रभावी है. कोरोना काल में यह दो कंपनियां पहली ऐसी कंपनी हैं जिन्होंने वैक्सीन के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल और सफल परिणाम का आंकड़ा पेश किया है.

फाइजर का कहना है कि वह अपनी टू-डोज वैक्‍सीन के इमर्जेंसी अथराइजेशन के लिए USFDA से इसी महीने अनुमति लेगी. मगर उससे पहले कंपनी दो महीने का सेफ्टी डेटा कलेक्‍ट करेगी. इस दौरान, 164 कन्‍फर्म मामलों पर क्लिनिकल ट्रायल चलते रहेंगे ताकि वैक्‍सीन की परफॉर्मेंस का और बेहतर ढंग से आंका जा सके.