कोरोनावायरस चीन के वुहान शहर से फैलने के बाद से अतंरराष्ट्रीय स्तर पर चीन को हिकारत की नजर देखा जा रहा है। लगातार उसके सामनों और ऐप्स का बहिष्कार किया जा रहा है। अब अमेरिकी गूगल ने भी चीन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। गूगल ने चीन से जुड़े 2500 से ज्यादा यूट्यूब चैनलों को हटा दिया है।
वहीं, गूगल कंपनी की ओर से कहा गया है कि संबंधित चैनलों को भ्रामक जानकारी फैलाने के आरोप में ये कड़ा कदम उठाया गया है। गूगल के अनुसार, इन यूट्यूब चैनल को इसी साल अप्रैल और जून के बीच हटाया गया। ऐसा चीन से जुड़े इन्फ्लुएंस ऑपरेशंस के लिए चल रही उसकी जांच के तहत किया गया है।
गूगल ने लगाया आरोप चीन के यूट्यूब चैनलों ने किया भ्रामक प्रचार- प्रसार
एल्फाबेट के स्वामित्व वाली गूगल ने कहा कि-‘ हटाए गए चैनलों पर आमतौर पर स्पैमी, गैर-राजनीतिक कॉन्टेंट पोस्ट किया जा रहा था, लेकिन कुछ वीडियो राजनीति से जुड़े थे। गूगल ने अपने भ्रामक जानकारी के लिए चलने वाले ऑपरेशन के तिमाही बुलेटन में यह जानकारी साझा की थी। हालांकि, अभी तक अमेरिकी कंपनी ने इन चैनलों के नाम का सर्वाजनिक नहीं किया गया है।’
बताया जा रहा है कि ट्विटर और सोशल मीडिया एनालिटिक्स कंपनी ग्राफिका ने इस तरह के भ्रामक प्रचार की शिकायत की थीं। वहीं ,इस मामले में चीन ने गूगल की इस कार्रवाई पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अभी तक वो भ्रामक प्रचार- प्रसार फैलाने के आरोपों से इंकार करता रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में लोगों की निजी जानकारी शेयर की गई
उल्लेखनीय है कि साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद से फर्जी और भ्रामक जानकारी फैलाने का मुद्दा उठाया गया था। बाद में कई देशों के लिए चिंता का विषय बन हुआ है। बता दें कि जब ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उनके चुनाव प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए गए थे।
कैम्ब्रिज एनालिटिक्स कंपनी ने फेसबुक के माध्यम से लोगों की निजी जानकारी शेयर करने का आरोप लगा था। बाद में फेसबुक के फाउंटर मार्क जुबरगर्ग को भी नोटिस जारी किया गया था। इस लोकतंत्र की हत्या के रूप में देखा गया था। साथ ही राष्ट्रपति चुनाव को लेकर ये भी आरोप लगाया गया था कि रूस ने बड़े पैमाने पर इसमें दखल दिया था।
इसी वजह से फेसबुक और ट्विटर जैसी कंपनियां लगातार फेक न्यूज पर अपडेट देकर यह बताती रहती हैं कि वे ऑनलाइन प्रोपेगेंडा के खिलाफ कड़ा रुख अपना रही हैं. गूगल द्वारा जारी किये गए अपने बुलेटिन में इरान और रूस से जुड़ी गतिविधियों का भी जिक्र है.