इस दुनिया में हर साधारण इंसान ये चाहता है कि, वह कुछ ऐसा करें जिससे वह पूरी देश दुनिया में एक अलग पहचान बना सके। जिसके लिए एकमात्र मूल मंत्र होता है कठिन से कठिन परेशान करना। जो इंसान कठिन परिश्रम और मेहनत नहीं कर सकता वह साधारण से असाधारण कभी नहीं बन सकता है, लेकिन जो इंसान मेहनत और लगन से कर्म करता है उसे कर्म का सकारात्मक फल जरूर प्राप्त होता है। आज हम कुछ ऐसे ही साधारण महिलाओं के बारे में बात करेंगे जिन्होंने अपने अथक प्रयासों से कुछ ऐसा कर दिखाया, जिससे अब साधारण से असाधारण कार्य कर चुकी है।
शैला घोष
साधारण से असाधारण करने की इस लिस्ट में शैलाघोष नाम सामने आया है। शैलाघोष के इकलौते बेटे की मृत्यु होने के बाद उन्होंने पूरे परिवार की देखरेख की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली। 85 वर्ष की शैला घोष ने परिवार का पालन पोषण करने के लिए घर से 2 घंटे की दूरी पर स्थित एक जगह पर आलू बेचने का काम शुरू कर दिया। दर-दर भटकने और भीख मांगने की जगह पर उन्होंने इस तरह का कार्य करना उचित समझा।
प्रीति पाटकर
मुंबई में जन्म लेने वाली प्रीति पाटकर को प्रीति ताई के नाम से भी जाना जाता है। प्रीति एक साधारण परिवार की एक ग्रहणी है, जिन्होंने मुंबई के लाल बत्ती इलाके में एक संस्था का आरंभ किया। यहां की कारगर महिलाओं और बच्चों के लिए प्रीति ने बाल देखभाल केंद्र शुरू किया है। इन्होंने एक ऐसे प्रेरणा संस्था की स्थापना की है, जो यौन शोषण और तस्करी की शिकार हुए बच्चों की सुरक्षा का कार्य करती है। ये बेहद सराहनीय कार्य है जो उन्हें साधारण से असाधारण बनता है।
प्रतिमा देवी
प्रतिमादेवी दिल्ली में पिछले 30 सालों से रह रही है, जो कि कूड़ा बीनने का काम करती हैं। प्रतिमा देवी के यहां पर लगभग 400 दोस्त हैं, जिनकी देखभाल करने के लिए वह अपना सारा कमाया हुआ पैसा खर्च कर देती हैं। हम आपको बता दें कि, इनके 400 दोस्त और कोई नहीं बल्कि घर के आसपास रहने वाले कुत्ते हैं। दिल्ली में इन्हें ‘दिल्ली की डॉग लेडी’ के नाम से भी जाना जाता है।
रिया शर्मा
रिया शर्मा ‘सेविंग फेस’ नामक पाकिस्तानी वृत्तचित्र से प्रभावित हुई हैं। इसके बाद उन्होंने में ’लव नाॅट स्कार्स’ आरंभ कर दिया। इसमें जो भी लोग एसिड के शिकार हुए हैं, वह सम्मान के साथ जी रहे थे, इस तरह की कहानी अपलोड कर सकते हैं। जल्द ही उनकी यह कोशिश सफलता पाकर एक बड़ी संख्या बन गई। आज वहां इन लोगों के लिए नए जीवन की शुरुआत के लिए धन एकत्रित करती है और कार्य करती हैं।
सृष्टि बख्शी
साधारण से असाधारण की लिस्ट में सृष्टि बख्शी का नाम भी शामिल है। सृष्टि बख्शी ने समाज में बदलाव लाने के लिए हांगकांग की नौकरी त्याग कर दी और वह भारत वापस आ गई। इन्होंने कन्याकुमारी से लेकर के कश्मीर तक की महिलाओं की सुरक्षा और लैंगिक समानता का संदेश नागरिक पहुंचाने का कार्य किया है।
तान्या सान्याल
तान्या सान्याल कलकत्ता की रहने वाली हैं, जिन्हें साल 2018 में हवाई अड्डा प्राधिकरण में पहली महिला अग्नि योद्धा के रूप में नियुक्त किया गया है। यहां पर वह विमानों के उतरने के लिए अग्निशमन सेवा के 3310 कर्मचारियों में शामिल है।
रिचा सिंह
आईआईटी की छात्रा रह चुकी रिचा ने अवसाद जूझने वाले 36 प्रतिशत आबादी के दर्दनाक कष्ट को समझते हुए योर दोस्त डाट काम की स्थापना की। इस पर जो भी लोग अवसाद से ग्रसित हैं, वह लोग समस्याओं को समाधान बताते है, जो कि रिचा शर्मा उनके लिए समस्याओं का सरल समाधान करने में सहायक है।
प्रेमलता अग्रवाल
प्रेमलता अग्रवाल जो कि 2 बच्चों की मां है, वह एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली सबसे अधिक आयु की महिला है। प्रेमलता अग्रवाल ने चढ़ाई करने के लिए सबसे पहले जिम जाना शुरू किया और फिर दृढ़ संकल्प के साथ एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता हासिल की। उन्होंने साधारण से असाधारण होने की मिसाल कायम की।
जमीदा टीचर
जमीदा टीचर केरल मलप्पुरम की रहने वाली है, जिन्होंने इतिहास में पहली बार साल 2018 की जनवरी के समय जुमे की नमाज की अगुवाई की थी तथा जुमे की नमाज अदा करने वाली वह पहली महिला इमाम बन गई हैं।