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“हार्दिक ने कहा कि सूर्या के खिलाफ….” 34 साल के मोहित शर्मा ने खोला राज, बताया सूर्यकुमार यादव के खिलाफ चली थी चाल 

34 साल के Mohit Sharma ने खोला राज, बताया सूर्यकुमार यादव के खिलाफ चली थी चाल 
34 साल के Mohit Sharma ने खोला राज, बताया सूर्यकुमार यादव के खिलाफ चली थी चाल 

गुजरात टाइटंस ने आईपीएल के 16वें सीजन के दूसरे क्वालीफायर मैच में मुंबई इंडियंस को 62 रनों से करारी मात देने के साथ लगातार दूसरे आईपीएल सीजन के फाइनल मुकाबले में जगह बना ली है। गुजरात टाइटंस के लिए इस मैच में बल्ले से जहां एक ओर सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल का कमाल देखने को मिला। वहीं दूसरी ओर गेंद से तेज गेंदबाज मोहित शर्मा (Mohit Sharma) ने कमाल दिखाते हुए अपने 2.2 ओवरों के छोटे से स्पेल में ही मात्र 10 रन देकर 5 विकेट चटकाए। 5 विकेट लेने के बाद शर्मा ने खुद को भाग्यशाली भी समझा।

मोहित ने 5 विकेट लेकर कही ये बात

“हार्दिक ने कहा कि सूर्या के खिलाफ….” 34 साल के मोहित शर्मा ने खोला राज, बताया सूर्यकुमार यादव के खिलाफ चली थी चाल 

आपको बताते चलें कि मैच के बाद मोहित शर्मा (Mohit Sharma) ने कहा कि,

“मैं थोड़ा भाग्यशाली था जो कि इतनी जल्दी पांच विकेट प्राप्त कर लिया। पिच पर बॉल अच्छी तरह से स्किड हो रही थी, मगर जिस तरह से सूर्या और तिलक वर्मा बल्लेबाजी कर रहे थे, हमें लगा कि यदि वे दोनों आउट नहीं हुए तो खेल हमारे हाथों से जा सकता है। मैंने निर्णय किया था कि अगर मैं सूर्या के विरुद्ध बॉलिंग कर रहा हूं तो मैं कुछ अधिक प्रयोग नहीं करूंगा।”

सूर्या के बारे में आगे बात करते हुए मोहित शर्मा (Mohit Sharma) ने कहा कि,

‘हमारी एक मीटिंग हुई जिसमें हम सब ने चर्चा की कि हमें SKY के खिलाफ अधिक प्रयास नहीं करना चाहिए, इससे उसके लिए चीजें ओर भी आसान हो जाती हैं। इसलिए विचार था कि लेंथ बॉल ही फेंकी जाएं। हमें चाहे छह छक्के भी क्यों न लग जाते हैं तो इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा, हमें लेंथ बॉल ही रखनी है, क्योंकि हमें लगा कि सूर्या के लिए अपने शॉट खेलने के लिए सबसे कठिन लेंथ है।”

सूर्या के विकेट का मतलब…

“हार्दिक ने कहा कि सूर्या के खिलाफ….” 34 साल के मोहित शर्मा ने खोला राज, बताया सूर्यकुमार यादव के खिलाफ चली थी चाल 

गौरतलब है कि मोहित शर्मा (Mohit Sharma) ने इस दौरान सूर्या की तारीफ तो नहीं की, मगर उनके विकेट की कीमत जरूर बताई है। उन्होंने कहा कि,

“SKY जब क्रीज पर थे, उस समय मैच समाप्त नहीं हुआ था, मगर सूर्या के विकेट का मतलब था कि हम गेम में थे। उस विकेट को लेने से हमें बहुत बड़ी राहत मिली थी। मुझे लगा कि हम उस अंतिम विकेट के बाद ही फाइनल के बारे में सोच सकते हैं, हम यहां गुजरात में पहले भी निराशाजनक परिस्थितियों से मुकाबले जीते और हारे भी हैं, इसलिए यह खत्म होने तक कभी समाप्त नहीं होता है।”

 

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