MS Dhoni: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और कैप्टन कूल के नाम से मशहूर महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया है। आपको बता दें, धोनी भारत के 11वें खिलाड़ी हैं जिन्हें इस सूची में शामिल किया गया है। आईसीसी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। यह सम्मान पाने के बाद एम एस धोनी की प्रतिक्रिया सामने आई है। तो आइए जानते है क्या बोले धोनी…..
MS Dhoni ने कही ये बात

आईसीसी हॉल ऑफ फेम की उपलब्धि को हासिल करने के बाद कप्तान कुल एम एस धोनी (MS Dhoni) ने कहा कि, “आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होना सम्मान की बात है, जो दुनिया भर के विभिन्न पीढ़ियों के क्रिकेटरों के योगदान को मान्यता देता है।” उन्होंने आगे कहा कि, मेरे नाम का इन सभी महान खिलाड़ियों के साथ आना एक अद्भुत अनुभव है। यह एक ऐसा क्षण है, जिसे मैं हमेशा संजोकर रखूंगा।” धोनी का यह बयान इस सम्मान की उनके लिए महत्ता को दर्शाता है।
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इन खिलाड़ियों को भी किया शामिल
आपको बता दें, महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के अलावा इस बार यह सम्मान अन्य क्रिकेटरों को भी मिला है। इस सम्मान को पाने वाले खिलाड़ियों में दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ और न्यूजीलैंड के महान खिलाड़ी डेनियल विटोरी भी शामिल हैं। पाकिस्तान की सना मीर और इंग्लैंड की पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज सारा टेलर दो महिला सदस्य थीं, जिनके शामिल होने से हॉल ऑफ फेमर्स की कुल संख्या 122 हो गई।
किसे मिलती है आईसीसी हॉल ऑफ फेम में जगह?
आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने के लिए किसी भी क्रिकेटर को विशिष्ट मानदंडों को पूरा करना होता है। किसी क्रिकेटर को इसमें शामिल करने से सबसे पहले ये देखा जाता है कि वह कम से कम 5 साल के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सेवानिवृत्त हो चुका हो। अगर खिलाड़ी बल्लेबाज है तो टेस्ट या वनडे प्रारूपों में कम से कम 8,000 रन और 20 शतक होने चाहिए या किसी भी प्रारूप में 50 या उससे अधिक का बल्लेबाजी औसत होनी चाहिए।
वहीं, क्रिकेटर यदि गेंदबाज है तो टेस्ट या वनडे फॉर्मेट में कम से कम 200 विकेट लेने चाहिए। गेंदबाजी स्ट्राइक रेट टेस्ट में 50 से कम और वनडे में 30 से कम होना चाहिए। अगर वह विकेटकीपर है तो टेस्ट या वनडे प्रारूपों में या दोनों में कम से कम 200 आउट (कैच या स्टंपिंग) होने चाहिए। जबकि कप्तान है तो कम से कम 25 टेस्ट मैचों या 100 वनडे मैचों में अपनी टीम का नेतृत्व किया हो। दोनों में से किसी एक या दोनों प्रारूपों में जीत का प्रतिशत 50% या उससे अधिक होना चाहिए।
हालांकि क्रिकेट में असाधारण योगदान वाले क्रिकेटर को भी शामिल किया जा सकता है। इससे खिलाड़ियों, अंपायरों, प्रशासकों या अन्य लोगों को शामिल किया जा सकता है, जिनका महत्वपूर्ण योगदान हो।
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