श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर कोरोनावायरस के कारण इस साल वो होगा जो कभी नहीं हुआ। इस बार भक्तों को मंदिर और जन्मस्थान के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। कान्हा के भक्तों को इस बार उनके जन्मदिन पर उनके दर्शन से वंचित होना पड़ेगा। मंदिर के प्रशासन ने इस पूरे मामले पर गाइडलाइन भी जारी कर दी है।
भक्तों को प्रवेश नहीं
जन्माष्टमी के मौके पर ठीक एक दिन पहले ही मंदिर की तरफ से साफ कर दिया गया है कि इस बार लोगों को मंदिर और जन्मस्थान में कोरोनावायरस के कारत प्रवेश नहीं मिलेगा। आज दोपहर 12 बजे से लोगों का वहां प्रवेश बंद हो गया है। जिससे साफ है कि इस बार 12 अगस्त को कान्हा के भक्त अपने प्रभु के दर्शन के लिए जन्माष्टमी के दिन नहीं जा पाएंगे।
विशेष होगा उत्सव
इस मौके पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान के सचिव ने बताया कि इस बार 12 अगस्त को बिना भक्तों को प्रवेश दिए धूमधाम से जन्माष्टमी मनाई जाएगी लेकिन भगवान के जन्मोत्सव में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि ये भगवान श्रीकृष्ण का 5,248 वां जन्मोत्सव होगा। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण पत्र-पुष्प, रत्न प्रतिकृति, वस्त्र के अदभुत कलाकृति से बनाए गए ‘पूर्णेंदु कुंज’ बंगले में विराजेंगे और वहीं से सभी को दर्शन देंगे।
सीमित होगी लोगों की संख्या
सचिव ने बताया है कि ठाकुर जी की हर बार की तरह ही इस बार भी विशेष पोषाक होगी। वहीं म़दिर को लेकर उन्होंने बताया कि सभी पुजारियों को भी सीमित संख्या में प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि भक्तों के आने पर तो पाबंदी है ही लेकिन मुख्य पूजन के लिए आचार्यों के साथ आयोजन से जुड़े लोगों की संख्या भी बेहद सीमित रखी गई है। श्रृद्धालुओं को ठाकुरजी के दर्शन टेलिविजन के माध्यम से प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस के कारण इस साल इस तरह की परिस्थितियां पैदा हुई है कि भक्तों को जन्म स्थान और मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।
क्या होगा कार्यक्रम
पूजन को लेकर उन्होंने बताया कि 12 अगस्त को रात में 11:00 बजे पहले श्री गणेश का पूजन होगा उसके बाद पूजन की सभी प्रक्रिया चलती रहेंगी और रात 12:00 बजे भगवान श्री कृष्ण का प्राकट्य दर्शन पूजन और आरती होगी। रात 12:40 भगवान की श्रृंगार आरती होगी। वही रात 1:00 बजे शयन आरती की जाएगी।