PCB: पाकिस्तान और आतंकवाद का पुराना दोस्ताना है, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की सुरक्षा व्यवस्था की पोल तब खुल गई थी, जब एक टीम पर अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला कर दिया, जिसमें छह पुलिसकर्मियों की दर्दनाक मौत हो गई थी।
इस हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया था कि पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने जाना, सीधे मौत को दावत देने जैसा है! घटना के बाद पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के आयोजन पर सवाल उठ गए।
पाकिस्तान क्रिकेट का काला दिन
हम बात कर रहे हैं, श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुए हमले की। 3 मार्च 2009 का दिन क्रिकेट इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक है। श्रीलंकाई टीम पाकिस्तान दौरे पर थी और लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम की ओर बढ़ रही थी, तभी आतंकियों ने उनकी बस पर घातक हमला कर दिया।
ग्रेनेड और गोलियों से लैस आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें छह पुलिसकर्मी मारे गए और सात खिलाड़ी घायल हुए। यह हमला पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दरवाजे बंद कर देने वाला साबित हुआ।
यह हमला न सिर्फ पाकिस्तान, बल्कि पूरे क्रिकेट जगत के लिए खतरे की घंटी थी। 2009 के बाद पाकिस्तान क्रिकेट को संभलने में एक दशक से ज्यादा लगा था, और लगभग देशों की टीमों ने पाकिस्तान जाना बंद कर दिया था।
PCB की सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ दिखावा?
हालांकि, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों की मेजबानी कर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी का दावा किया था, लेकिन उसकी अव्यवस्था के कारण सुरक्षा को लेकर अब भी सवाल कई खड़े हैं।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) बार-बार दावा करता है कि वह विदेशी टीमों को पूरी सुरक्षा देता है, लेकिन सवाल उठता है कि अगर पाकिस्तान में सुरक्षा पुख्ता होती, तो टीम इंडिया (Team India) अब तक पाकिस्तान का दौरा करने से क्यों कतरा रही है?
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कहीं फिर से ठप न हो जाए पाकिस्तान क्रिकेट?
पाकिस्तान हमेशा से आतंकवाद को पालता-पोसता आया है, और अब उसका असर उसके क्रिकेट पर साफ दिखाई देता है। टीम इंडिया (Team India) ने तो पहले ही 2007-08 के बाद पाकिस्तान का दौरा करना बंद कर दिया था।
सवाल यही है—क्या पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएगा, या फिर पाकिस्तान में क्रिकेट का खेल हमेशा के लिए ठप हो जाएगा?