पीएम मोदी ने किया तीनों कृषि कानून को वापस लेने का एलान, लेकिन जारी रहेगा किसानों का प्रदर्शन, जानिए क्या हैं किसानों का कहना

पीएम मोदी ने गुरू नानक देव की जंयती पर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है. पीएम मोदी ने इसकी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. पीएम ने कहा कि आने वाले संसद शीतकलीन सत्र में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रिक्रिया को पूरा किया जाएगा. पीएम के इस फैसले का संयुक्त किसान मोर्चा ने स्वागत किया है.

पीएम मोदी ने क्या कहा

पीएम मोदी ने किया तीनों कृषि कानून को वापस लेने का एलान, लेकिन जारी रहेगा किसानों का प्रदर्शन, जानिए क्या हैं किसानों का कहना
पीएम मोदी ने कहा कि- कृषि में सुधार हेतु ये तीनों कानून को लाया गया था. जिससे छोटे किसानों को ताकत मिल सके और किसानों के साथ देश और कृषि जगत का भी कल्याण हो सके. लेकिन ये किसानों के हित की बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. शायद हमारे समझाने में ही कोई कमी रह गई. किसानों का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा था. हमने बातचीत का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बन पाई. पीएम मोदी ने कहा कि हम कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया हैं.

क्या है संयुक्त किसान मोर्चा का कहना

पीएम मोदी ने किया तीनों कृषि कानून को वापस लेने का एलान, लेकिन जारी रहेगा किसानों का प्रदर्शन, जानिए क्या हैं किसानों का कहना
पीएम मोदी के कृषि कानून को वापस करने के एलान पर संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा है, कि किसान इस कानून को संसद में रद्द किए जाने तक इंतजार करेंगे और तब तक किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा. किसानों का कहना है कि तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ ही हमारी MSP पर कानून बनाने की भी मांग है. जिसे अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है. वहीं, सरकार के कानून को वापस करने के एलान पर किसान मोर्चा के नेताओं ने एक बैठक बुलाई है.

‘जारी रहेगा प्रदर्शन’

पीएम मोदी ने किया तीनों कृषि कानून को वापस लेने का एलान, लेकिन जारी रहेगा किसानों का प्रदर्शन, जानिए क्या हैं किसानों का कहना
वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी के इस फैसले पर कहा है कि अभी हमलोगों का आंदोलन वापस लेने का कोई ईरादा नहीं है. हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब सरकार संसद में इस कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर दे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ ही MSP और किसानों के अन्य दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.

26 नवंबर को शुरू हुआ था किसान आंदोलन

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कृषि कानून के रद्द करने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे किसानों की जीत बताई है. वहीं, ऑल इंडिया किसान सभा महासचिव हन्नान मौला ने कहा कि- मैं इस घोषणा का स्वागत करता हूं. वहीं, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम सदन में इस कानून के रद्द होने का इंतजार करेंगे तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा. बता दें की 26 नवंबर को किसान आंदोलन को एक साल पूरा हो जाएगा. ऐसे में आने वाली 26 नवंबर को लाखों की संख्या में किसान रास्तों पर उतरेंगे.