आज प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सभा में राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपना संबोधन दिया इस दौरान प्रधानमंत्री ने किसानों और एमएसपी पर बोलते हुए कहा कि एमएसपी पहले भी थी, एमएसपी अब भी है, और एमएसपी आगे भी रहेगी। उन्होंने कहा कि सस्ते मूल्यों पर गरीबों को राशन भी मिलता रहेगा और मंडियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
प्रधानमंत्री कहा चुनौतिया तो है, लेकिन हम समाधान का माध्यम बनाना चाहते हैं
आज प्रधामंत्री ने राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद संबोधन में कहा- “हमें तय करन होगा कि हम समस्या का हिस्सा बनेंगे या समाधान का माध्यम। राजनीति और राष्ट्रनीति में से हमें किसी एक को चुनना होगा।
चुनौतियां तो हैं। लेकिन हमें तय करना है कि हम समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं या समाधान का माध्यम बनना चाहते हैं: PM @narendramodi #PMinRajyaSabha
— PMO India (@PMOIndia) February 8, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के मामले पर कहा कि, सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई, जो भी बताया गया वो आंदोलन को लेकर बताया गया लेकिन मूल बात पर कोई चर्चा नहीं की गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों का सेंसेस लिया गया, तो 33 फिसदी किसान ऐसे हैं जिनके पास दो बीघे से भी कम ज़मीन है, 18 फीसदी ऐसे हैं जिनके पास दो से चार बीघे जमीन है। ये कितनी भी मेहनत कर ले अपनी ज़मीन पर इनकी गुज़र नहीं हो सकती है।
पहले कार्यकाल की योजनाओं का किया जिक्र
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पहले कार्यकाल और मौजूदा कार्यकाल में किसानों के लिए शुरू की गई नीतियों और योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, “2014 से हमने किसानों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से कृषि क्षेत्र में बदलाव शुरू किया है। फसल बीमा योजना को किसानों के लिए अनुकूल बनाने के लिए बदलाव किये। पीएम-किसान योजना लायी गई। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार छोटे किसानों के लिए काम कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने डेयरी और दूध उत्पादन के संबंध में टिप्पणी करते हुए कहा कि, दूध उत्पादन किन्हीं बंधनों में बंधा हुआ नहीं है। दूध के क्षेत्र में या तो प्राइवेट या को-ऑपरेटिव दोनों मिलकर कार्य कर रहे हैं। पशुपालकों जैसी आजादी, अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे और सीमांत किसानों को क्यों नहीं मिलना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कोरोना को बताया ‘अज्ञात दुशमन’
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, कोरोना संकट जब आया था तो भारत को लेकर दुनियाभर में चिंता थी। लोग कह कर रहे थे अगर भारत खुद को नहीं संभाल पाया तो दुनिया के लिए संकट आ जाएगा। भारत ने अपने देश के नागिरिकों रक्षा करने के लिए, अज्ञात दुशमन से लड़ाई की। लेकिन आज दुनिया इस बात पर गर्व कर रही है कि भारत ने ये लड़ाई जीती है।
The COVID-19 period has added new strength to our federal structure and the spirit of cooperative federalism: PM @narendramodi #PMinRajyaSabha
— PMO India (@PMOIndia) February 8, 2021
प्रधानमंत्री ने कहा कि, कोरोना काल में दुनिया के लोग निवेश के लिए तरस रहे हैं लेकिन भारत ही है जहां रिकॉर्ड निवेश हो रहा है। एक तरफ निराशा का माहौल है, तो दूसरी तरफ हिंदुस्तान में आशा की किरण नज़र आ रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा भारत “लोकतंत्र की जननी” है
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकतंत्र पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, भारत केवल दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र नहीं है। भारत “लोकतंत्र की जननी” है और यह हमारा लोकाचार है। हमारे राष्ट्र का स्वभाव लोकतांत्रिक है।
India is not merely the world's largest democracy.
India is the 'Mother of Democracy' and this is our ethos. Our nation's temperament is democratic: PM @narendramodi #PMinRajyaSabha
— PMO India (@PMOIndia) February 8, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, “हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है, ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है। भारत का राष्ट्रवाद ना तो संकीर्ण है, ना ही आक्रामक है। ये सत्यम, शिवम, सुंदरम के मूल्यों से प्रेरित है।