शादी में क्यों पहना जाता है लाल रंग का ही जोड़ा, हैरान कर देगी वजह

शादी एक ऐसा रिश्ता एक ऐसा बंधन होता है, जिसमें दो लोग 7 जन्मों के लिए एक-दूसरे के हो जाते हैं. इन दोनों के साथ दो परिवारों और ना जाने कितने लोगों का सम्बन्ध एक-दूजे से जुड़ जाते हैं. शादी दो लोगों का मिलन है जिससे वंश, खानदान, पीढ़ी सभी बढ़ती है. हिन्दू की शादियों में रस्में सबसे ज्यादा होती हैं. यह रस्में दूल्हा-दुलहन दोनों पक्षों की ओर से निभाई जाती है. शादी के हर रस्म के लिए अलग-अलग रंग के कपड़ें पहनने का विधान है. हर रंग का शादी के लिए अलग महत्व होता है. लेकिन हाँ, शादी के किसी भी रस्म में काला रंग का उपयोग अशुभ माना जाता है.

शादी में क्यों पहना जाता है लाल रंग का ही जोड़ा, हैरान कर देगी वजह

लाल रंग को पारम्परिक रंग का दर्जा दिया गया है

बता दें कि शादी वाले दिन दुल्हन ज्यादातर लाल, मेरून रंग का लहंगा या फिर साड़ी पहनना शुभ माना जाता है. दूल्हे जो शेरवानी पहनता है उसमें भी लाल रंग का अंश जरूर होता है. लाल रंग को पारम्परिक रंग का दर्जा दिया गया है. ऐसा माना जाता है कि लाल रंग के कपड़ों का किसी भी शुभ कार्य में उपयोग लाभदाई होता है.

ऐसा माना जाता है कि इस रंग को पहन कर शादी का शुभ कार्य संपन्न हो तो रिश्ते में हमेशा मिठास बनी रहेगी. साथ-ही धन, वैभव, सुख और शांति बनी रहेगी. इसलिए दुल्हन पूरा लाल रंग से सजती हैं अपने शादी वाले दिन. साथ-ही दूल्हे के कपड़ों में भी लाल रंग जरुरु होता है.

शादी में क्यों पहना जाता है लाल रंग का ही जोड़ा, हैरान कर देगी वजह

हल्दी वाली रस्म के लिए पीले रंग की साड़ी या शूट पहनी जाती है

वहीं हल्दी वाली रस्म के लिए पीले रंग की साड़ी या शूट पहनी जाती है. पीला रंग भी शादी के लिए उतना ही महत्वपूर्ण माना जाता है जितना लाल रंग को. आजकल तो शादियों में फैशन हो गया है हल्दी में पिली साड़ी पहनना साथ-ही बाज़ारों में आजकल हल्दी के लिए अलग से फूलों से सजी माला, मांगटिका, बेंगल, पायल, आदि आने लगे हैं. वो सभी पिले रंग और सफ़ेद रंग के होते हैं.

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं को पीला रंग पसंद होता है. भगवान विष्णु भी पीला वस्त्र धारण करते हैं और इसलिए शादी के शुभ कार्य में पिले रंग का वस्त्र हल्दी वाले दिन में धारण किया जाता है.

शादी में क्यों पहना जाता है लाल रंग का ही जोड़ा, हैरान कर देगी वजह

दुल्हन की मेहँदी हाथों में जितनी ज्यादा गहरी लाली दे उसका पति उससे उतना ही ज्यादा प्यार करेगा

आजकल मेहँदी की रस्म को एक फंक्शन की तरह मनाया जाता है. मेहँदी की रस्म में दुल्हन हरी रंग की साड़ी या सूट पहनती हैं और अपने दोनों हाथों और पैरों में मेहँदी रचवाती हैं. ऐसा माना जाता है कि दुल्हन की मेहँदी हाथों में जितनी ज्यादा गहरी लाली दे उसका पति उससे उतना ही ज्यादा प्यार करेगा. आजकल मेहँदी की रस्म में दुल्हन की दोस्त, बहन, रिश्तेदार एक ड्रेस कोड बनाती हैं और दुल्हन जब मेहँदी लगवा रही होती है तब फ़िल्मी गानों में डांस करती हैं. इसे भी रस्म का एक हिस्सा ही माना जाता है.

शादी में क्यों पहना जाता है लाल रंग का ही जोड़ा, हैरान कर देगी वजह

काला रंग शादी या पूजा-अर्चना के लिए माना जाता है अशुभ

शादियों में काले रंग का कुछ भी प्रयोग में नहीं लाया जाता क्योंकि इस रंग को अशुभ माना जाता है. यह रंग काला होने के साथ-साथ सभी रिश्तों में भी कालापन भर देता है. भगवान के किसी भी कार्य में भी इस रंग का उपयोग नहीं होता. इस रंग से अशांति, द्वेष, कल-क्षपट जैसी भावनाये उत्पन्न होती है. यह रंग आपको दिमागी रूप से भी असंतुलित कर देता है. इसलिए खासकर शादियों में, पूजा-अर्चना में इस रंग का प्रयोग नहीं होता. ज्यादातर लाल और पीला रंग का ही इस्तेमाल किया जाता है.

शादी में क्यों पहना जाता है लाल रंग का ही जोड़ा, हैरान कर देगी वजह

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *