सरोज खान बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर में से एक हैं। हाल ही में सरोज खान ने खुलासा किया कि कटरीना कैफ की वजह से उन्हें फिल्म ठग्स ऑफ हिंदोस्तान से हटा दिया था। रिपोर्ट्स की मानें तो सरोज खान की फिल्म इंडस्ट्री से शिकायत है कि उन्हें अब कोई काम नहीं दे रहा। कहा जा रहा है कि सलमान को जैसे ही यह बात पता चली तो उन्होंने सरोज खान को अपने आने वाले प्रोजेक्ट में काम देने का वादा किया है। एक वक्त ऐसा था जब हर फिल्म में उनके डांस स्टेप पर बड़े-बड़े स्टार्स थिरकते थे लेकिन जिंदगी के अंतिम समय में उनके पास काम की कमी हो गई थी। सरोज खान की निजी जिंदगी की बात करें तो काफी विवादों से भरा रहा है। आइए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जिनसे आप भी होंगे अनजान।
सरोज खान का असली नाम था निर्मला नागपाल
सरोज खान ने करीब 2000 से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया है। कम ही लोगों को पता है कि सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल है। सरोज के पिता का नाम किशनचंद सद्धू सिंह और मां का नाम नोनी सद्धू सिंह है। विभाजन के बाद सरोज खान का परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया। सरोज ने महज 3 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों मेें काम करना शुरू कर दिया था। उनकी पहली फिल्म नजराना थी जिसमें उन्होंने श्यामा नाम की बच्ची का किरदार निभाया था।
बैकग्राउंड डांसर शुरू किया था काम
50 के दशक में सरोज ने बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने कोरियोग्राफर बी.सोहनलाल के साथ ट्रेनिंग ली। 1974 में रिलीज हुई फिल्म गीता मेरा नाम से सरोज एक स्वतंत्र कोरियोग्राफर की तरह जुड़ीं हालांकि उनके काम को काफी समय बाद पहचान मिली। सरोज खान की मुख्य फिल्मों में मिस्टर इंडिया, नगीना, चांदनी, तेजाब, थानेदार और बेटा है।
13 साल की उम्र में 43 साल के शख्स से की थी शादी
सरोज खान ने अपने पहले मास्टर बी. सोहनलाल से शादी की थी। दोनों की उम्र में 30 साल का फासला था। शादी के वक्त सरोज की उम्र 13 साल थी। इस्लाम धर्म कबूल कर उन्होंने 43 साल के बी. सोहनलाल से शादी की। सोहनलाल की ये दूसरी शादी थी। पहली शादी से उनके चार बच्चे थे। सरोज खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि
‘मैं उन दिनों स्कूल में पढ़ती थी तभी एक दिन मेरे डांस मास्टर सोहनलाल ने गले में काला धागा बांध दिया था और मेरे शादी हो गई थी।’
अपनी मर्जी से अपनाया था इस्लाम धर्म
एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में सरोज खान ने बताया था कि
‘मैंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म ग्रहण किया था। उस वक्त मुझसे कई लोगों ने पूछा कि मुझ पर कोई दबाव तो नहीं है लेकिन ऐसा नहीं था। मुझे इस्लाम धर्म से प्रेरणा मिलती है।’
सरोज खान के बच्चों को पति ने अपना नाम देने से कर दिया था इंकार
सरोज से शादी के वक्त सोहनलाल ने अपनी पहली शादी की बात नहीं बताई थी। 1963 में सरोज खान के बेटे राजू खान का जन्म हुआ तब उन्हें सोहनलाल की शादीशुदा जिंदगी के बारे में बता चला। 1965 में सरोज ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया लेकिन 8 महीने बाद ही मौत हो गई। बच्चों के जन्म के बाद सोहनलाल ने उन्हें अपना नाम देने से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच दूरियां आ गईं। सरोज की एक बेटी कुकु भी हैं। सरोज ने दोनों बच्चों की परवरिश अकेले ही की।