फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला 90 साल का Iit मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सड़क पर भीख मांगते हुए स्पॉट
The man sitting begging on an overpass with messages homeless people please help and work well with food.

कानपुर से आईआईटी पास किए हुए एक छात्र 90 साल की उम्र में एमपी में भीख मांगते हुए नजर आए। इस बुजुर्ग को फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हुए देखकर लोग हैरान रहते थे। अब इस बुजुर्ग का एक एनजीओ ने रेस्क्यू किया है।

फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला 90 साल का Iit मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सड़क पर भीख मांगते हुए स्पॉट

सड़क पर भीख मांग कर रहे थे गुजरा

90 साल केयह बुजुर्ग ग्वालियर की सड़कों पर लोगों से भीख मांग कर अपना पेट भरते हैं। अपना नाम सुरेंद्र वशिष्ठ और पिता का नाम छेदी लाल वशिष्ठ  बताने वाले इस आदमी ने दावा किया है कि उन्होंने कानपुर आईआईटी से मैकेनिकल इंजनीयरिंग की डिग्रीहासील की है। रेस्क्यू करने वाली संस्था ने कुछ दिन पहले पुलिस अफसर टीआई मनीष मिश्रा को भी अपनाया है, जो ग्वालियर के इसी संस्था में रह रहे हैं।

फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला 90 साल का Iit मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सड़क पर भीख मांगते हुए स्पॉट

1969 बैच के छात्र

ग्वालियर के आश्रम स्वर्ग सदन के विकास गोस्वामी ने कहा कि हमने इन्हें ग्वालियर बस स्टैंड के पास बेआसरा हालत में पाया था। जब हमने उनसे पुछताछ की तो वह अंग्रेजी बोलने लगे। हम लोग उन्हें आश्रम लेकर आए हैं और उनके स्वजनो से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।

सुरेंद्र वशिष्ठ ने बताया है कि वह 1969 बैच के आईआईटी कानपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र थे और उन्होने डीएबी कॉलेज लखनऊ से 1972 में एलएलएम भी किया है। उनके पिता जेसी मिल में सप्लायर थे, जो साल 1990 में बंद हो गया था। सुरेंद्र वशिष्ठ ने शादी नहीं की है। अपनी पढ़ाई के बाद इन्होंने कई जगहों पर नौकरी भी की है।

एएसआई पुलिस अफसर मनीष मिश्रा भी भीख मांगते हुए थे स्पॉट

एक महीने पहले ग्वालियर में 1999 बैच के एएसआई पुलिस अफसर मनीष मिश्रा भी अपने साथियों रत्नेश सिंह तोमर और विजय भदौरिया को सड़क पर भीख मांगते हुए मिले थे। साथियों ने इलाज के लिए उन्हे इसी संस्था को सौंप दिया था। करीब 2006 से तबीयत नासाज होने के बाद वह गायब थे और साथियों को लगा था कि पुलिस मुख्यालय उनका देखभाल कर रही है। मगर वह सड़क पर भीख मांगते हुए मिले। मनीष मिश्रा की स्थिति अब बेहतर है।

दयाजनक हालत में थे सुरेंद्र

संस्था ने उनकी पहचान के लिए कुछ तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा है कि फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले और ग्वालियर मिशहील स्कूल के टॉपर उच्च शिक्षित बुजुर्ग सुरेंद्र वशिष्ठ के कई मित्र इंजीनियर, डॉक्टर, एडवोकेट और बिजनेसमैन हैं। यह शिंदे की छावनी बस स्टैंड फुटपाथ पर अत्यंत दयाजनक हालात में मिले हैं।