The-Brutality-Of-Digital-Arrest-An-Elderly-Woman-Dies-After-Being-Defrauded-Of-6-6-Lakh-Rupees-And-Scam-Calls-Continue-Even-After-Her-Death

Digital Arrest: हैदराबाद से एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जिसने डिजिटल ठगी (Digital Arrest) की भयावह सच्चाई उजागर कर दी। 76 वर्षीय रिटायर्ड महिला डॉक्टर एक साइबर गैंग के झांसे में आकर 6.6 लाख रुपये गँवा बैठीं और अंततः उनकी मौत हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि महिला की मौत के बाद भी स्कैमर्स उन्हें लगातार कॉल और मैसेज करते रहे।

क्या है पूरा मामला?

Digital Arrest
Digital Arrest

दरअसल, बुजुर्ग महिला को एक व्हाट्सऐप वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को बेंगलुरु पुलिस का अधिकारी बताया और आरोप लगाया कि महिला का नाम एक मानव तस्करी मामले में है। स्कैमर्स (Digital Arrest) ने महिला को झूठे दस्तावेज, अदालत के नोटिस और ईडी/आरबीआई जैसे संस्थानों के फर्जी लेटर दिखाकर इतना डरा दिया कि वह घबरा गईं। कॉलर ने कहा कि अगर तुरंत पैसे नहीं दिए गए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उनकी इज्जत बरबाद हो जाएगी।

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मानसिक दबाव में रही महिला

डर और दबाव में महिला ने अपने पेंशन खाते से लगभग 6.6 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। यही नहीं, ठगों ने उन्हें लगातार कॉल और वीडियो चैट से जोड़े रखा ताकि वह परिवार या पुलिस से संपर्क न कर सकें। इस स्थिति को “डिजिटल अरेस्ट” (Digital Arrest) कहा जा रहा है। करीब 70 घंटे तक महिला मानसिक दबाव में रहीं, जिससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया।

6.6 लाख की ठगी के बाद महिला की हुई मौत

8 सितंबर को अचानक महिला को छाती में दर्द हुआ और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। परिवार को जब फोन चेक करने का मौका मिला, तब उन्हें सच्चाई पता चली कि महिला लगातार स्कैमर्स की गिरफ्त (Digital Arrest) में थीं। सबसे भयावह तथ्य यह है कि महिला की मौत के बाद भी स्कैमर्स के मैसेज और कॉल फोन पर आते रहे।

यह घटना साइबर अपराध की गंभीरता और इसके खतरनाक असर को उजागर करती है। खासकर बुजुर्ग और कम तकनीकी जानकारी रखने वाले लोग ऐसे जाल में आसानी से फँस जाते हैं।

सीख और सावधानी

  • डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं है। यह सिर्फ ठगों का झांसा है।
  • किसी भी धमकी या दबाव में आकर पैसे ट्रांसफर न करें।

  • संदिग्ध कॉल आने पर तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) पर शिकायत करें।

  • परिवार और बुजुर्गों को इस तरह के साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करें।

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Kamakhya Reley is a journalist with 3 years of experience covering politics, entertainment, and sports. She is currently writes for HindNow website, delivering sharp and engaging stories that connect with...