बोत्सवाना में 350 हाथियों के मरने का असली कारण का पता चल चुका है. दरअसल दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना में हाथियों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई है इनकी मौत कारण सामने आ चुका है. 2 जुलाई के आसपास बोत्सवाना के जंगलों में सैकड़ों हाथियों की लाश देखने को मिली थी. यह हाथी जल स्रोतों के करीब मरे मिले थे.
क्या है हाथियों की मौत की असली वजह
बोत्सवाना की सरकार को जब इस बात का पता चला, तब वह इस मौत के कारण की असली वजह जानने की कोशिश करने लगे की इन हाथियों को जहर दिया गया है या इनकी मौत किसी अनजान बीमारी से हुई. 3 महीने के बाद आखिरकार इन हाथियों की असामयिक मौत का कारण पता चल चुका है. डिपार्टमेंट ऑफ वाइल्ड लाइफ एंड नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर सीरिल ताओलो ने कहा कि उत्तरी बोत्सवाना और उसके ओकावैंगो डेल्टा में 350 से ज्यादा हाथियों से सड़े गले शव बिखरे थे.
हाथी की पहली रहस्यमयी मौत मई महीने में हुई थी .उसके कुछ दिनों के अंदर ही ओकावैंगो डेल्टा में 169 हाथी मर गए. जून के मध्य तक हाथियों के मरने की संख्या लगभग दोगुनी हो गई .इनमें से 70 फ़ीसदी हाथियों की मौत जल स्रोतों के आसपास हुई थी.
Around 500 elephants have died in Botswana in last few days. Described as a ‘conservation disaster’ in which elephants are dying mysteriously in clusters. Tragic. https://t.co/ZcGKM5zonK pic.twitter.com/GgQtw4mtBA
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) July 2, 2020
पहली बार हुई ऐसी रहस्यमयी मौत
हाथियों के इस मामले पर उस समय डायरेक्टर ऑफ कंजर्वेशन एट नेशनल पार्क रेस्क्यू डॉक्टर “नील मैकेन” ने गार्जियन से बात करते हुए कहा कि उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में इससे पहले प्राकृतिक रूप से हाथियों को मरते हुए कभी नहीं देखा .ऐसी मौत सिर्फ सूखा पड़ जाने के दौरान होती है. लेकिन अभी तो पानी मौजूद है, उन्होंने सरकार द्वारा लैब टेस्ट के नतीजे का इंतजार करने की सलाह दी थी. सोशल मीडिया पर इस मामले में खूब चर्चा हुई थी.
चारों तरफ लाशों की ढेर लगी
जुलाई महीने में हाथियों की सेटेलाइट तस्वीरें सामने आई थी, जिनमें जंगल के चारों तरफ हाथियों की लाशें ही लाशें देखें गई थी ध्यान देने वाली बात यह है कि हाथियों की इस रहस्यमई मौत का पहला मामला मई में आया था .आगे यह सिलसिला चलता रहा और जून के अंत तक हाथियों की मौत का आंकड़ा 350 को पार कर गया था. डिप्टी डायरेक्टर सीरिल ताओलो ने बताया कि जांच में पता चला है कि पानी में सायनोबैक्टीरिया थे. जिसकी वजह से उसमें पैदा हुए जहर से हाथियों की मौत हुई है. कारण कुछ भी हो मगर इस हाथियों का ऐसे मरना चिंताजनक है.