Team India: किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है कि वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करे। हालांकि, क्रिकेट खेलने वाले सभी खिलाड़ियों का ये सपना पूरा नहीं हो पाता है। मगर जो क्रिकेटर इस मुकाम तक पहुंच जाते हैं, वो तिरंगे की शान में अपनी जान दांव पर लगाने से नहीं चूकते। आज हमारे इस खास आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही कुछ भारतीय खिलाड़ियों के नाम बताएंगे, जिन्होंने चोटिल होने के बाद भी अपने करियर की चिंता किए बिना टीम इंडिया (Team India) के लिए खेलने जारी रखा, तो आइये जानते हैं कि कौन हैं वे खिलाड़ी –
चोटिल होने के बावजूद डटा रहा ये खिलाड़ी
![तिरंगा की शान के लिए अपनी जान दांव पर लगा देते हैं ये 3 भारतीय खिलाड़ी, चोटिल होने के बाद भी खेलते हैं भारत के लिए हर मैच 2 Team India](https://hindnow.com/wp-content/uploads/2024/01/team-india-346-3.webp)
तिरंगे के लिए अपना करियर दांव पर लगाने का सबसे बड़ा उदाहरण कप्तान रोहित शर्मा ने पेश किया है। दिसंबर 2022 में बांग्लादेश दौरे पर फील्डिंग करते हुए कप्तान रोहित शर्मा का अंगूठा बुरी तरह चोटिल हो गया था। उनका पूरा हाथ ही खून से लथ-पथ हो गया था। मगर इसके बावजूद उन्होंने बल्लेबाजी के दौरान शानदार पारी खेलते हुए भारत (Team India) को जीत दिलाने की कोशिश की। इतना ही नहीं जब वे बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरे तो पहली ही गेंद उनके चोटिल हाथ पर लगी थी, लेकिन रोहित उस दिन तिरंगे के सम्मान में क्रीज पर डटे रहे और तूफानी पारी खेलते हुए भारत (Team India) को जीत के करीब ले गए। हालांकि, भारत यह मैच नहीं जीत पाया।
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इन खिलाड़िओं ने भी दिखाया है अदम्य साहस
![तिरंगा की शान के लिए अपनी जान दांव पर लगा देते हैं ये 3 भारतीय खिलाड़ी, चोटिल होने के बाद भी खेलते हैं भारत के लिए हर मैच 3 Ravindra Jadeja](https://hindnow.com/wp-content/uploads/2023/12/rj.webp)
सिर्फ रोहित ही नहीं उनके अलावा और भी कई खिलाड़ी हैं, जिन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपने करियर को ही दांव पर लगा दिया। मोहम्मद शमी और रविंद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी भी इस मामले में काफी आगे हैं। शमी ने तो वर्ल्ड कप 2023 में पीठ की समस्या से जूझते हुए शानदार गेंदबाजी की और भारत (Team India) को फाइनल तक पहुंचाया। उन्होंने टूर्नामेंट खत्म होने के बाद अपनी सर्जरी करवाई।
वहीं, रविंद्र जडेजा विश्व के बेहतरीन हरफनमौला खिलाड़ियों में से एक हैं। वे गेंद और बल्ले से तो धमाल मचाते ही हैं। साथ में अपनी फील्डिंग से भी टीम की जीत में भूमिका निभाते हैं। इस दौरान वे चोटिल होने की फ़िक्र किए बिना मैदान पर हर दिशा में डाइव लगाकर टीम के लिए एक – एक रन बचाने की कोशिश करते हैं।
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