गोरखपुर के लोगों के लिए नया साल काफी अच्छा जाने वाला है।इस साल गोरखपुर में कई कार्यों को एक प्रारुप दिया जाएगा। गोरखपुर जिला चिकित्सा, शिक्षा के साथ विकास का प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा। चिड़ियाघर जल्द ही आम जनता के लिए खुल जाएगा। खाद का उत्पादन शुरू हो जाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर की सुपर स्पेशियालिटी विंग भी काम करने लगेगी। फोरेंसिक लैब में जांचें होंगी। शहर के हर तरफ फोरलेन सड़कों का जाल होगा। मोहद्दीपुर से जंगलकौड़िया, असुरन चौक से महराजगंज और देवरिया फोरलेन का निर्माण पूरा हो जाएगा।
दिसंबर 2021 तक गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन का निर्माण भी पूरा हो जाएगा। गोरखपुर से लखनऊ को जोड़ने वाली सड़क छह लेन की बन जाएगी। नए साल में ही कोरोना वायरस की चुनौती से निपटा जाएगा। इसकी तैयारी में स्वास्थ्य महकमा जुटा है। जनवरी या फिर फरवरी से कोरोना की वैक्सीन लग सकती है।
चिडियाघर
प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ सुनील कुमार पांडेय के साथ प्राणी उद्यान का निरीक्षण करने के लिए गोरखपुर पहुंचे थे। बैठक में प्रमुख सचिव ने कहा कि सीजेडए की अनुमति मिलने के पूर्व वन्यजीव को लाए जाने की सभी तैयारियां और औपचारिकताएं पूर्ण कर ली जाएं। 221 करोड़ की लागत से बने प्राणि उद्यान का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 12 जनवरी को लोकार्पण कर सकते हैं।
कोरोना वैक्सीन
गोरखपुर में साल 2021 जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी के पहले सप्ताह से पहले चरण में हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर को टीका लगने की शुरुआत हो जाएगी। दूसरे चरण में 60 वर्ष से ऊपर के लोगों का, तीसरे चरण में 60 वर्ष से नीचे के लोग जो बीमार होंगे, उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी।
एम्स
गोरखपुर में एम्स में गंभीर लोगों का इलाज भी शुरु हो जाएगा। 50 बेड के सुपर स्पेशियालिटी विंग की शुरूआत नए साल में संभव है।नए साल में ही एमबीबीएस की 100 सीटें भरी जाएंगी। अभी 50 सीटें हैं। दूसरी तरफ बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 बेड के बाल रोग चिकित्सा संस्थान की शुरूआत भी हो सकती है।
खाद कारखाना
करीब सात हजार करोड़ की लागत से बन रहे इस खाद कारखाने से रोजाना 3850 मीट्रिक टन खाद का उत्पादन होगा। जापानी कंपनी टोयो इसका निर्माण करा रही है। इस कारखाने का 149.5 मीटर ऊंचा प्रिलिंग टॉवर दुनिया के सभी खाद कारखानों के प्रिलिंग टॉवर से ऊंचा है। जून 2016 में इसकी नींव पड़ी थी। अब तक 90 फीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका है।
रामगढ़ताल
रामगढ़ताल को यूपी का पहला वेटलैंड घोषित किया जा चुका है। अब सुंदरीकरण का काम चल रहा है। ताल के हर तरफ बोल्डर पिचिंग का काम पूरा हो गया है।
रामघाट
राप्ती नदी के तट पर राजघाट को सुंदर बनाने का काम चल रहा है। 40 करोड़ रुपये की लागत से शहर और नौसड़ की तरफ घाटों का सुंदरीकरण कराया गया है।
मेट्रो को मंजूरी
गोरखपुर में मेट्रो दौड़ाने पर 4672 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 2024 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। तीन बोगियों वाली गोरखपुर मेट्रो दो कॉरीडोर से गुजरेगी। पहला श्यामनगर, बरगदवां होते हुए एम्स, मालवीय नगर व एमएमएमयूटी तक होगा तो दूसरा गुलरिहा, बीआरडी मेडिकल कॉलेज से कचहरी चौक, ट्रांसपोर्ट नगर होते हुए नौसड़ तक।
अन्य बहुत सी सुविधाएं शामिल
इन सुविधाओं के अलावा शहर में एमएमएमयूटी में बीफार्मा की पढ़ाई भी होगी। गोरखपुर में निवेशको की इच्छा को देखते हुए रेडीमेड़ गारमेंट हब बनाया जा रहा है। गीडा बोर्ड बैठक में अंतरराज्यीय बस टर्मिनल को मंजूरी मिल चुकी है।90 स्थानों में सीसीटीवी कैमरे लग चुके है।जगह जगह पर ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र बनाए जा रहे है।