राजस्थान के कोटा की रहने वाली अंजलि बिरला दिखने में किसी मॉडल या एक्ट्रेस से कम नहीं लगती है। वे पढ़ने लिखने में बहुत अच्छी थी, लेकिन फिर उन्होंने साइंस या मैथ्स की बजाए आर्ट लेकर सबको चौका दिया। दरअसल उन्होंने पहले से ही IAS अफसर बनने का सपना देख रखा था। अब उनका यह सपना सच भी हो गया। उनके पिता ओम बिरला लोकसभा स्पीकर और सांसद हैं। माँ अमिता बिरला एक डॉक्टर हैं और बड़ी बहन आकांक्षा सीए हैं। लेकिन इसके बावजूद अंजली ने परिवार से हट कर अपने बाल पर पैरों पर खड़ा होने की ठानी।
पहली ही बार में पास कर ली सिविल सेवा परीक्षा
अंजली ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पहली ही बार में पास कर ली। उनकी 67वीं रैंक आई है। अब वे जल्द ही IAS अफसर बनने जा रही हैं। वे महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करने की इच्छा रखती हैं। बचपन से ही वे बड़ी होकर गरीबों और महिलाओं के लिए कुछ करना चाहती थी। यही वजह है कि आर्ट्स में सोफिया स्कूल से 12वीं उत्तीर्ण की।
पहले से ही था IAS बनने का सपना
इसके बाद वे दिल्ली के रामजस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस करने लगी। कॉलेज में ऑनर्स डिग्री लेने के बाद उन्होंने दिल्ली में रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।अंजली बताती है कि मां बाप अक्सर बच्चे को साइंस या मैथ्स लेने के लिए फोर्स करते हैं। लेकिन इसके बाहर भी एक दुनिया है।
आपको शुरू से अपना लक्ष्य पता होना चाहिए। मुझे IAS अफसर बनना था इसलिए मैंने आर्ट्स लेकर उस दिशा में पढ़ाई शुरू कर दी थी। यदि मैं भी दूसरों के कहने में मैथ्स या साइंस ले लेती तो आज इस मुकाम पर नहीं होती।
बड़ी दीदी आकांक्षा ने इस मुकाम तक पहुंचने में की मदद
अंजली बताती हैं कि उनकी बड़ी दीदी आकांक्षा ने इस मुकाम तक पहुंचने में बहुत हेल्प की। जब भी वे निराश हो जाती थी तो दीदी उन्हें मोटिवेट करती थी। अपना सीए का काम निपटा लेने के बाद वे सिविल परीक्षा की तैयारी भी करवाती थी। यहाँ तक की इंटरव्यू क्रेक करने की रणनीति तक उन्होंने अंजली को बताई।
अंजली की इस कामयाबी से पूरा परिवार उन पर गर्व कर रहा है। उनका रिजल्ट आते ही मां बाप ने बेटी का फूलों से स्वागत कर टीका लगाया। अंजली बताती हैं कि IAS अफसर बनने के बाद उनके जीवन का एक मात्र लक्ष्य गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना होगा। वे समाज के लिए कुछ अच्छा करना चाहती हैं।