This Indian Player Invested All His Money In This Village And Made Every Girl A Cricketer

Cricketer: भारत में जहां आज खेल एक नई ऊंचाईयों पर है। वही कुछ साल पहले देश के एक गांव में लड़कियों के लिए खेलकूद और उच्‍च शिक्षा के सपने को देखना पाप माना जाता था। लेकिन आज के समय में इस गांव की लड़कियां हर क्षेत्र में नाम कमा रही है। और देश का नाम रोशन कर रही है। जिसके पिछले इस भारतीय खिलाड़ी का बड़ा हाथ है। तो आइए जानते है कौन है ये खिलाड़ी और किस गांव की है ये कहानी….

इस गांव में लड़कियों के खेलने पर थी पाबंदी

Cricketer
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राजस्थान का एक छोटा सा गांव हनुमानगढ़, जहां बेटियों के खेलने पर समाजिक पाबंदी थी। लेकिन इस रूढ़िवादी सोच को तोड़ने का काम किया क्रिकेट खिलाड़ी आरजू बिश्नोई ने। आपको बता दें, आरजू ने न केवल खुद इस माहौल से निकलकर क्रिकेट (Cricketer) में अपना नाम बनाया, बल्कि हर लड़की के सपनों को पंख दिए।

आलोचनाओ का करना पड़ा सामना 

Cricketer
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आरजू बिश्नोई का सफर प्रेरणादायक है। जब उन्होंने क्रिकेट (Cricketer) खेलना शुरू किया, तो उन्हें समाज और परिवार से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। परंतु उनके जुनून और मेहनत ने उन्हें आगे बढ़ने से नहीं रोका। उन्होंने क्रिकेट कोचिंग के लिए संघर्ष किया और अपने खेल को निखारने में जुट गईं। धीरे-धीरे, उनके प्रदर्शन ने सबका ध्यान खींचा और वह अपनी जगह राज्य और राष्ट्रीय स्तर की टीमों में बनाने में सफल रहीं।

लोगों की सोच बदलने का कीय काम 

आरजू ने न केवल अपनी उपलब्धियों से गांव की बेटियों को प्रेरित किया, बल्कि उनकी लड़ाई ने समाज में बेटियों के प्रति सोच बदलने का काम किया। आज उनके गांव की कई लड़कियां क्रिकेट (Cricketer) और अन्य खेलों में हिस्सा ले रही हैं। आरजू का कहना है, “हर लड़की को अपने सपनों के लिए लड़ने का हक है, चाहे कोई भी परिस्थिति हो।”

अब आरजू की एकेडमी मे 40 से 50 के बच्चे क्रिकेट सीख रहे हैं। इतना ही नहीं आरजू एक “आरजू हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन” नाम से NGO भी चला रही है,जिसमे जरूरतमंद बच्चों को स्पोर्ट्स की किट,जूते या अन्य जरूरत की वस्तुएँ निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है।

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