IPL: इंडियन प्रीमियर लीग का आगाज 2008 में 8 टीमों के साथ हुआ था। इसके बाद अगले कुछ वर्षों में कई बार टीमों की संख्या में उतार चढ़ाव देखने को मिला। 2011 में 10 टीमों ने टूर्नामेंट में हिस्सा लिया, जबकि 2012 – 13 में टीमों की संख्या 9 थी। इसके बाद 2014 में एक फिर संख्या को घटाकर 8 कर दिया गया। मगर फिर बीसीसीआई ने ऐतिहासिक फैसला किया और 2022 में गुजरात टाइटंस और लखनऊ सुपर जाइंट्स के रूप में 2 और फ्रेंचाइजियों को जोड़कर टीमों की संख्या 10 कर दी।
हालांकि, IPL इतिहास में एक टीम ऐसी भी रही है, जिसने आज तक अपने खिलाड़ियों को उनकी फीस नहीं दी है। इस बात का खुलासा खुद टीम इंडिया के एक धाकड़ खिलाड़ी ने किया है।
इस टीम ने नहीं दिया है खिलाड़ियों को पैसा
दरअसल, भारतीय क्रिकेटर श्रीसंत ने हाल ही में ‘द रनबीर शो’ में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि कोच्चि टस्कर्स केरला (Kochi Tuskers Kerala) के लिए खेलने का पैसा उन्हें अभी तक नहीं मिला है। उनका कहना है कि इतने साल बीतने के बावजूद भी उन्होंने अपने स्क्वॉड में शामिल किए खिलाड़ियों को कॉन्ट्रैक्ट का पैसा नहीं दिया है। इन खिलाड़ियों में मुथैया मुरलीधरन, महेला जयवर्धने, ब्रेंडन मैकुलम के साथ रवींद्र जडेजा का नाम भी शामिल है। श्रीसंत ने कहा,
“बीसीसीआई ने आपको भुगतान कर दिया है। कृपया अब तो हमें हमारा पैसा दें। वैसे जब भी भुगतान करें, तो हर साल का 18 प्रतिशत ब्याज भी याद रखना। मुझे लगता है कि मेरे बच्चों की शादी होगी तक तो हमें पैसा मिल जाएगा। टीम को तीन साल का होना था, लेकिन पहले साल में ही खत्म हो गई। किसी ने भी अब तक इस बारे में बात नहीं की है। मगर जब भी खिलाड़ी मिलते हैं, तो इस बारे में बात करते हैं।”
यह भी पढ़ें : ऋषभ पंत IPL 2024 से हुए बैन, डेविड वॉर्नर नहीं बल्कि ये खिलाड़ी संभालेगा DC की कप्तानी, साजिश करने में है नंबर वन
पहले ही साल टूर्नामेंट से बाहर हुई कोच्चि टस्कर्स केरला
2011 में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को कोच्चि टस्कर्स केरला और पुणे वारियर्स के रूप में 2 नई टीमें मिली। इन दोनों टीमों को 3 वर्ष के लिए ट्रायल के रूप में टूर्नामेंट में शामिल किया गया। पुणे ने 3 साल खेला, लेकिन केरला पहले ही साल IPL से बाहर हो गई। बीसीसीआई ने एग्रिमेंट की शर्तों का उल्लंघन करने के कारण उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो बीसीसीआई ने कोच्चि टस्कर्स को 155.3 करोड़ रुपये नहीं चूका पाने के कारण निलंबित किया था। फिर टीम के मालिकों में से एक ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और बोर्ड के फैसले को चुनौती दी। बीसीसीआई को इस केस में हार का सामना करना पड़ा और फ्रेंचाइजी को 550 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा। यही वजह है कि श्रीसंत अब अपनी मैच फीस की मांग उठा रहे हैं।
यह भी पढ़ें : KKR ने प्लेऑफ़ में रखा कदम, साथ ही इन 3 टीमों का खेल किया खत्म, 60 मैचों के बाद ऐसा है पॉइंट्स टेबल