भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने फिक्सिंग से जुड़े मामले को लेकर एक एक मीडिया टीवी कंपनी समेत अन्य पर 100 करोड़ का मानहानि का केस कर रखा है. जिसपर आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार ने रोक लगाने की मांग की थी. इस मामले पर मद्रास हाई कोर्ट ने 9 दिसंबर को सुनवाई करते हुए मानहानि केस पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है.
धोनी ने किया 100 करोड़ का मानहानि केस

दरअसल महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2014 में उनकी छवि को खराब करने के लिए एक मीडिया टीवी कंपनी और अन्य लोगों पर 100 करोड़ का मानहानि केस किया था. जिसकी आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार जांच कर रहे थे. इस मामले की मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. जिसपर आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार ने याचिका दायर कर केस पर रोक लगाने की मांग की थी. मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस एन शेषशायी ने फैसला देते हुए कहा कि- मानहानि का केस साल 2014 लंबे समय से चल रहा है. इस समय किसी भी तरह का आदेश देने से इस केस को आगे बढ़ाने पर असर पड़ेगा. यह कहते हुए उन्होेंने याचिका को खारिज कर दिया.
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग से जुड़ा है मामला

आपको बता दें कि यह पूरा मामला देश की सबसे मशहूर क्रिकेट लीग आईपीएल के स्पॉट फिक्सिंग से जुड़ा हुआ है. इसको लेकर साल 2013 में राजस्थान रॉयल्स के 3 खिलाड़ी श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अंकित चंदीला को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद इसमें चेन्नई सुपर किंग्स के सहमालकि दामाद गुरुनाथ मयप्पन का नाम भी सामने आया था। जिसके बाद में उनको स्टेडियम में जाने पर रोक लगा दिया गया था. वहीं, स्पॉट फिक्सिंग को गंभीरता से लेते हुए चेन्नई और राजस्थान रॉयल्स को आईपीएल से 2 साल के लिए बैन कर दिया गया था. इस मामले को लेकर एक मीडिया कंपनी ने उस समय लगातार धोनी का नाम फिक्सिंग से जोड़ते हुए खबरें चला रहा था. जिसपर धोनी ने उसके खिलाफ मानहानि का केस किया था.