Ranji Trophy: क्रिकेट खेलना आसान काम नहीं है। इसके लिए खिलाड़ियों को कड़ी मेहनत और सख्त ट्रेनिंग लेनी होती है। इसके बावजूद मैच के दौरान खिलाड़ियों को क्रैम्प आना या उनका थकान के कारण मैदान से बाहर बैठना सामान्य माना जाता है। मगर एक भारतीय खिलाडी ने 964 मिनट तक निरंतर बल्लेबाजी करके अपने धैर्य और स्टेमिना का तगड़ा उदाहरण दुनिया के सामने पेश किया है। आइये आपको बताते हैं कि कौन है ये खिलाड़ी और इसने कब ये शानदार पारी खेली।
Ranji Trophy में काटा बवाल
रणजी ट्रॉफी 2016-17 के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में गुजरात के सलामी बल्लेबाज़ समीत गोहिल ने क्रिकेट इतिहास की एक बेमिसाल पारी खेली, जिसने सभी को हैरान कर दिया। ओडिशा के खिलाफ जयपुर में खेले गए इस मुकाबले में गोहिल ने नाबाद 359 रन की पारी खेली और कुल 964 मिनट तक क्रीज पर डटे रहे। यह पहली बार था जब किसी भारतीय बल्लेबाज़ ने रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में इतना लंबा समय क्रीज पर बिताया और तिहरा शतक लगाया।
रच दिया इतिहास
समीत गोहिल का यह स्कोर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में किसी भी ओपनर द्वारा ‘बैट कैरी’ करते हुए बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर था। इससे पहले यह रिकॉर्ड 1899 में बॉबी एबल के नाम था, जिन्होंने समरसेट के खिलाफ सरे के लिए नाबाद 357 रन बनाए थे। गोहिल अब डब्ल्यूजी ग्रेस, बिल ऐशडाउन और विजय मर्चेंट जैसे महान खिलाड़ियों की उस छोटी सी सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने नाबाद तिहरे शतक लगाते हुए अपनी पारी समाप्त की।
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Ranji Trophy का चौथा सबसे बड़ा स्कोर
गोहिल की यह पारी रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के इतिहास में चौथा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है। उनसे आगे सिर्फ बीबी निंबालकर (443*), संजय मांजरेकर (377) और एमवी श्रीधर (366) हैं। गोहिल ने विजय मर्चेंट के 1943 में बनाए गए 359 रन की बराबरी की है।
इस ऐतिहासिक पारी के दौरान गोहिल ने 723 गेंदों का सामना किया, जो रणजी इतिहास में तीसरा सबसे अधिक है, और 964 मिनट तक मैदान पर डटे रहे, जो फर्स्ट क्लास क्रिकेट में तीसरा सबसे लंबा समय है। इस पारी के दम पर गुजरात ने 641 रन बनाए और यह उनका रणजी इतिहास में सबसे बड़ा टीम स्कोर है।