Champions trophy 2025 (चैंपियंस ट्रॉफी) के शुरू होने में अब सिर्फ चार दिन बचे हैं, टीम इंडिया ने टूर्नामेंट के लिए पांच स्पिनरों को चुना है, लेकिन तेज गेंदबाजों में अनुभवी मोहम्मद शमी के अलावा हर्षित राणा और अर्शदीप सिंह हैं, ऐसे में टीम को एक ऐसे तेज गेंदबाज की जरूरत है, जो अतिरिक्त गति से विपक्षी बल्लेबाजों को चौंका सके—और यही जगह उमरान मलिक (Umran Malik) के लिए टीम इंडिया के दरवाजे खोलती है-
आक्रामकता भी है उमरान की ताकत
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उमरान मलिक भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक हैं और अपनी रफ्तार से दुनिया भर के बल्लेबाजों को परेशान कर चुके हैं। उनकी 150+ किमी/घंटा की गति टीम इंडिया के लिए एक अनमोल संपत्ति साबित हो सकती है, खासकर चैंपियंस ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट में जहां पिचें तेज गेंदबाजों को मदद कर सकती हैं।
भारत के पास पहले से ही पांच सक्षम स्पिनर मौजूद हैं, जिससे एक अतिरिक्त स्पिनर की जरूरत कम हो जाती है। ऐसे में वॉशिंगटन सुंदर की जगह उमरान मलिक को टीम में शामिल करना एक स्मार्ट रणनीति हो सकती है। तेज गेंदबाजी में गहराई जोड़ने से भारत का आक्रमण और भी घातक हो जाएगा और विपक्षी बल्लेबाजों के लिए नई चुनौती खड़ी करेगा।
उमरान मलिक को मौका क्यों मिलना चाहिए?
उमरान की तेज रफ्तार विरोधी टीमों के लिए सिरदर्द बन सकती है। इसके अलावा उनमें मध्य ओवरों में विकेट लेने की क्षमता है। वह उन गेंदबाजों में से हैं, जो बल्लेबाजों को सिर्फ रोकते नहीं, बल्कि उन्हें आउट करने का माद्दा भी रखते हैं।
भारत के पास पहले ही स्पिनरों की भरमार है, इसलिए एक और तेज गेंदबाज टीम का संतुलन बेहतर करेगा। उमरान पहले भी भारत के लिए खेल चुके हैं और बड़े मंच पर खुद को साबित कर सकते हैं।
अगर भारत को चैंपियंस ट्रॉफी में तेज गेंदबाजी को मजबूत करना है, तो उमरान मलिक को टीम में शामिल करना एक जरूरी कदम हो सकता है। उनकी रफ्तार और आक्रामकता भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को और घातक बना सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम मैनेजमेंट इस फैसले पर क्या रुख अपनाता है!