कुख्यात बदमाश विकास दुबे की प्रोपटी का ब्योरा में इकठ्ठा करने में लगी एसटीएफ की टीम को बड़ी कामयाबी हाथ लगी हैं। यूपी एसटीएफ टीम विकास के बैंक में दो अकाउंट के बारे में पता चला है कि- जिसके जरिए वो ‘कंट्री मेंड पिस्टल’ बनाने वाले से हथियारों का जखीरा खरीदता था। यही गिरोह विकास दुबे को हथियार सप्लाई करता था। मास्ट वाटेंड क्रिमनल विकास दुबे इन खातों के जरिए गुपचुप तरीके से पैसों का लेन- देन कर रहा था। पुलिस को इस बैंक अकाउंट की भनक नहीं थी।
विकास फर्जी खाते से करता था इस गैंग को पैसे ट्रांसफर
एसटीएफ की जांच में ये भी बात सामने आई है कि -विकास दुबे ने यह बैंक अकाउंट दूसरे नाम खुलवाया था, ताकि पुलिस इस अकाउंट की भनक न लग सकें। हालांकि, इन खातों में साइन विकास द्वारा ही किए जाते थे। इतना ही नहीं, इन बैंक खातों से एक बार में 40 हजार रुपए का भुगतान किया जाता था। विकास के दूसरे नाम खुलवाए गए अकाउंट का एटीएम कार्ड भी बनवाए थे। शातिर बदमाश विकास दुबे इन खातों में उतने पैसे जमा कराता था, जितने पैसे की उसको जरूरत पड़ती था। इन बैंक अकाउंट का इस्तेमाल वो गैर-कानूनी कामों के लिए कर रहा था।
विकास के गुर्गे करते थे बैंक में पैसे जमा
विकास दुबे कभी भी बैंक में पैसे विदड्रा करने के लिए नहीं गया। वो इन खातों में दूसरे लोगों के जरिए पैसे जमा कराता। एक बार 15 से 20 हजार रूपए ही जमा कराता था। कानपुर पुलिस कांड के बाद जब पुलिस- प्रशासन विकास दुबे पर शिकंजा कसना शुरू किया तो उसके घर को बुलडोजर चलवा कर तोड़ दिया। फोटो में जो दिख रहा है इसी घर की छत पर खड़े होकर विकास दुबे ने आठ पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद विकास और उसके साथी फरार हो गए थे।
पुलिस ने विकास दुबे की संपत्ति की जांच-पड़ताल की थी। जांच में ये बात निकलकर सामने आई थी कि कैसे विकास ने गलत कामों के लिए सम्राज्य खड़ा कर रखा है। फिलहाल, पुलिस विकास के दो बैंक अकाउंट से जानकारी हाथ लगी है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।