Virat Kohli: टीम इंडिया के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक विराट कोहली ने सोमवार को फैंस को बड़ा झटका देते हुए टेस्ट क्रिकेट से संन्यांस लेने का फैसला लिया। विराट 2024 में ही टी20 क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं। ऐसे में अब यह धाकड़ बल्लेबाज केवल वनडे क्रिकेट में धमाल मचाता हुआ नजर आएगा। बहरहाल आइये विराट कोहली (Virat Kohli) के 14 साल के टेस्ट करियर पर एक नजर डालते हैं और देखते हैं कि उन्होंने इस प्रारूप में अपने पीछा क्या विरासत छोड़ी है –
शानदार रहा करियर

2008 में ओडीआई डेब्यू और 2010 में टी20 इंटरनेशनल में डेब्यू करने के बाद विराट कोहली (Virat Kohli) को 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला। मगर इस मुकाबले में कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके। विराट ने पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 15 रन बनाए। इतना ही नहीं वे दूसरे मुकाबले में भी फ्लॉप साबित हुए। हालांकि, इस श्रृंखला के तीसरे और अंतिम मैच की पहली पारी में उन्होंने 30 रन जरूर बनाए थे। लेकिन दूसरी इनिंग में उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिल सका।
यह श्रृंखला विराट कोहली के लिए अधिक सफल नहीं रही, लेकिन उन्होंने बता दिया था कि उनमें कुछ बड़ा करने की काबिलियत है।
2012 में मचाया धमाल
टेस्ट करियर का पहला साल विराट कोहली (Virat Kohli) के लिए अच्छा नहीं गुजरा। मगर 2012 में उन्होंने जमकर धमाल मचाया। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने उस साल खेले 9 टेस्ट मैचों की 16 पारियों में 49.21 की औसत से 689 रन बनाए, जिसमें 3 शतक और इतने ही अर्धशतक शामिल हैं।
इसके बाद किंग कोहली ने कभी मुड़ कर नहीं देखा और एक के बाद एक कीर्तिमान स्थापित किए। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका टीम के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी दिखते हुए जमकर रन बनाए।
ऐसे हैं आकड़ें
36 साल के विराट कोहली ने अपने करियर में खेले 123 टेस्ट मैचों में 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए हैं, जिसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक भी शामिल हैं। इतना ही नहीं किंग कोहली ने रेड बॉल क्रिकेट में 1027 चौके और 60 छक्के भी जड़े हैं।
रिकार्ड्स की बात करें तो विराट कोहली (Virat Kohli) भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में से एक हैं। साथ ही वे रेड बॉल क्रिकेट में भारत के लिए चौथे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं।
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