हमारी धरती अपनी धुरी पर एक चक्कर हर 23 घंटे 56 मिनट और 4.1 सेकंड में पूरा करती है। इससे धरती के एक हिस्से पर दिन और दूसरे हिस्से में रात होती है। क्या होगा अगर धरती घूमना बंद कर दे? इससे सिर्फ दिन-रात पर असर नहीं पड़ेगा बल्कि पूरा का पूरा ग्रह तबाह हो जाएगा। ऐसी कोई प्राकृतिक फोर्स है नहीं जो ये कर सके लेकिन वॉशिंगटन में स्मिथसोनियन के नैशनल एयर ऐंड स्पेस म्यूजियम का हिस्सा रह चुके सीनियर जियॉलजिस्ट जेम्स जिंबलमैन के मुताबिक यह एक काल्पनिक चर्चा है।
क्या होगा अगर घूमना बंद कर दे पृथ्वी
धरती का घूमना हम महसूस नहीं कर पाते लेकिन ईक्वेटर पर इस रोटेशन की गति 1,770 km/h होती है जबकि ध्रुवों पर रोटेशनल वेलॉसिटी (रोटेशन की गति) शून्य हो जाती है। अगर धरती रुक जाती है तो भी ईक्वेटर पर मौजूद हवा, पानी और चट्टान angular momentum की वजह से इतनी ही गति पर घूमते रहेंगे। जाहिर है, इसकी वजह से सतह उजड़ने लगेगी और चीजें पहले वायुमंडल में ऊपर की ओर बढ़ेंगी और फिर स्पेस में जाने लगेंगी।
खुद धरती तबाह कर देगी दुनिया
जिंबलमैन ने लाइव साइंस को बताया कि फिजिक्स का एक मूलभूत सिद्धांत है Conservation of angular momentum। अगर कोई चीज घूम रही है तो उसे रोकने के लिए उल्टी दिशा में उतना ही बल लगाना होगा। हालांकि, जिंबलमैन का कहना है कि ऐसा नहीं है कि धरती के न घूमने से सब खत्म ही हो जाएगा। उनके मुताबिक धरती की सतह से निकले टुकड़े खुद भी घूमने लगेंगे और फिर धरती का गुरुत्वाकर्षण इन्हें खींच लेगा।
आइसक न्यूटन की थिअरी कहती है कि आसपास घूम रहीं चीजों से ऊर्जा निकलेगी जो उन्हें गर्म कर देगी। उल्कापिंड की तरह धरती से ही निकले टुकड़े वापस आग के गोलों की शक्ल में बरसने लगेंगे। इससे धरती की बाहरी परत क्रस्ट पिघली हुई चट्टान के महासागर जैसी हो जाएगी। जिंबलमैन का कहना है कि इस प्रक्रिया में धरती का पानी सूख जाएगा।