राकेश टिकैत

लगभग पिछले तीन महीनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई हल कृषि कानूनों को लेकर निकलता हुआ नहीं दिख रहा हैं, ऐसे में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है, कि अगर किसानों को अपनी फसल का बलिदान देना पड़ा तो वो उसके लिए भी तैयार हैं।

राकेश टिकैत ने सरकार को दिया जबाव

राकेश तिकैत

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन वक्त के साथ तेज होता चला जा रहा है। प्रदर्शनकारी किसान और सरकार बातचीत में अब तक किसी भी समाधान पर नहीं पहुंच पाएं हैं। आपको बता दें कि सरकार और किसान नेताओं के बीच अब तक 10 राउंड से अधिक की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई भी सर्व-सम्मत राय नहीं बन पाई है।

किसानों ने सख्त शब्दों में सरकार से कहा हैं कि मांगों को माने जाने तक हम हटने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को चेताते हुए कहा है कि “किसान बीते सत्तर सालों से कृषि में नुकसान उठा रहे हैं, अगर उन्हें अपनी एक और फसल का बलिदान देना पड़ा तो वो उसके लिए भी तैयार हैं”।

फसल नहीं बेचेगें किसान

किसान आंदोलन

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “अगर उन्हें फसल काटने के लिए अधिक मजदूरों की मदद लेनी पड़ी तो वो उसके लिए तैयार हैं। वो फसल काटेंगे और उपज अपने घर में रखेंगे”।  उन्होंने कहा, “वो फसल काटेंगे और उपज अपने घर में रखेंगे। लेकिन आंदोलन को कमजोर नहीं होने दिया जाएगा”।

फसल जलाने की धमकी

राकेश टिकैत

 

राकेश टिकैत ने कहा, “सरकार को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए, कि किसान अपनी फसल काटने वापस चलें जाएंगे। अगर सरकार ज़बरदस्ती करेगी तो हम अपनी फसलों को भी जला देंगे। सरकार को ये नहीं सोचना चाहिए था कि प्रदर्शन दो महीने में खत्म हो जाएंगे। हम फसल भी काटेंगे और प्रदर्शन भी करते रहेंगे”।