यूपी में राजनीती का दौर बहुत तेज है. योगी आदित्यनाथ इस समय अपने एक बयान को लेकर काफी चर्चा में है. उन्होंने अपने परिवार के प्रति जिम्मेदारियों से कभी मुंह नहीं मोड़ा. मगर जब राज्य के सीएम बने तो उन्होंने बेटे का फर्ज ना निभाते हुए पहले मुख्यमंत्री का कर्तव्य निभाया और पिता के अंतिम संस्कार में जाने से मना कर दिया. सीएम के इस फैसले ने लोगों का दिल जीत लिया था. बता दें, साल 2020 में ही सीएम के पिता का निधन हो गया था.
अकेले बिता रहे है जीवन
सीएम योगी आदित्यनाथ अपना जीवन अकेले व्यतीत करते हैं और अब उन्होंने अपना जीवन जनता को दे दिया है. सीएम ने शादी नहीं की और बहुत कम उन्होंने इस बारे में बात की है. करीब तीन साल पहले सीएम योगी आदित्यनाथ इंडिया टीवी के कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ में गए थे. उस वक्त एंकर रजत शर्मा ने उनकी शादी पर सवाल करते हुए पूछा कि, आपके मन में कभी नहीं आया कि मैं भी घर बसा लूं. पहले तो इस सवाल पर सीएम योगी हंसने लगे फिर उन्होंने जो जवाब दिया उससे तालियां बजने लगीं.
शादी के सवाल पर दिया ये जवाब
सीएम योगी ने हंसते हुए जवाब दिया कि, ‘जिन लोगों ने घर बसाया है उन लोगों की स्थिति से मैं भलीभांति परिचित हूं. हालाँकि संन्यास ही इसके पीछे की वजह थी. कम से कम मैं उन टेंशन से मुक्त हूं. हां लेकिन, जब कोई व्यक्ति शादी करता है तो मेरी तरफ से शुभकामनाएं होती हैं और मैं उन्हें आशीर्वाद देने भी जाता हूं.’ शादी पर ऐसा जवाब सुनने पर सिर्फ रजत शर्मा ही नहीं बल्कि दर्शक भी जोर-जोर से हंसने लगे थे. कार्यक्रम में सीएम योगी ने दर्शकों को परिवार से अलग होने के पीछे की कहानी भी बताई. उन्होंने कहा- मेरे जीवन में अध्यात्म का महत्व शुरू से था और जब मैं स्नातक कर रहा था तो तभी महंज अद्वैतनाथ जी के संपर्क में आ गया था. मेरे मन में उस वक्त दो चीजें थीं एक तो अध्यात्म और दूसरा रामजन्म भूमि का आंदोलन. उस वक्त महंत अद्वैतनाथ जी ही उस आंदोलन के अध्यक्ष थे और इन कारणों की वजह से मेरा उनसे संपर्क हुआ था. फिर साल 1993 में मैंने संन्यास लेने का फैसला किया और 1994 में बसंतपंचमी वाले दिन दीक्षा ले ली.