आमतौर पर 15 अगस्त और 26 जनवरी के अवसर पर ही पूरे जोश से देशभक्ति की भावना लोगों में देखने को मिलती है। लेकिन साल 2021 में 15 अगस्त के मौके पर रिलीज हुई फिल्म शेरशाह ने लोगों में प्रेम और देशभक्ति को कूट-कूटकर भर दिया। ‘शेरशाह’ मूवी विक्रम बत्रा की बायोग्राफी पर आधारित है, जिसमें कारगिल ऑपरेशन में विक्रम का नाम शेरशाह रहता है। इसी ऑपरेशन के दौरान का एक किस्सा आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे जब पाकिस्तानियों की मांग माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit ) पर कैसे विक्रम बत्रा ने करारा जवाब देकर पाकिस्तानियों की बोलती बंद कर दी थी।
पाकिस्तानियों में Madhuri Dixit को लेकर झलकी दीवानगी
दरअसल हाल ही में फिल्म शेरशाह का एक सीन काफी चर्चा में है। जिसमें कैप्टन विक्रम बत्रा प्वाइंट 4875 को कैपचर करने के लिए जंग लड़ते है। और इसी में एक इंटेंस सीन देखने को मिलता है, जिसमें पाकिस्तानी बॉलीवुड की माधुरी दीक्षित को लेकर दिलचस्पी दिखाते है। दरअसल हुआ कुछ यूं था कि पाकिस्तान और भारत के बीच करगिल 1999 का युध्द चल रहा था, उसी दौरान विक्रम बत्रा देश के लिए जंग लड़ते हैं और एक पाकिस्तानी ने जंग के बीच जोर से चिलाते हुए विक्रम बत्रा से अजीबोगरीब डिमांड कर दी। उसने कहा कि अबे माधुरी दीक्षित हमें दे दो, अल्लाह की कसम, हम सब यहां से चले जाएंगे.’ तो उस पाकिस्तानी की बात सुनकर विक्रम बत्रा ने काउंटर आंसर दिया।
विक्रम बत्रा का रौंगटे खड़े करने वाला जवाब
इस दौरान विक्रम बत्रा ने सवाल आने से पहले ही पाकिस्तानी जवान को करारा जवाब दे दिया। उन्होंने कहा- माधुरी दीक्षित दूसरे शूट में बिजी हैं, फिलहाल इसके साथ काम करते हैं। इसके बाद विक्रम बत्रा पाकिस्तानियों के छक्के छूड़ा दिए। और फिल्म के उसी सीन में माधुरी की मांग करने वाले पाकिस्तानी को विक्रम बत्रा जन्नत का द्वार खौल देते है। उन्होंने उस पाकिस्तानी को गोली मारते हुए कहा- ले बेटा माधुरी दीक्षित से पंगा नहीं, माधुरी दीक्षित का तौफा।
मिलिट्री का सर्वोच्च गेलंट्री अवार्ड से सम्मानित हुए थे विक्रम
सन 1999 में पाकिस्तान और भारत के बीच एक युद्ध छिड़ा था। जिसमें भारतीय सपुतौ ने दुश्मनों का डटकर सामना किया। पाकिस्तानी सेना और कश्मीरी उग्रवादी ने LOC को पार करके भारत की जमीन पर कब्जा करने की साजिश रची थी। पाकिस्तान ने इसके साथ दावा किया था कि लड़ने वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी है, लेकिन युद्ध में बरामद हुए दस्तावेजों और पाकिस्तानों के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तानी सेना प्रत्यक्ष रुप से युद्ध में शामिल थी।
कारगिल युद्ध में विक्रम बत्रा ने जाबाजी से कई आतंकवादी को मारा था और भारत के कई प्वाइंट्स भी कैप्चर किए। लेकिन दुर्भाग्य वर्ष 7 जुलाई 1999 को इसी युद्ध में विक्रम बत्रा भारतीय सेना के एक अधिकारी, अभूतपूर्व वीरता का परिचय देते हुए वीर गति प्राप्त की। और उन्हें मरोपरांत भारत के सर्वोच्च गेलेंट्री अवार्ड परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।