बॉलीवुड़ में कई ऐसे सितारे है, जिनके अभिनय को तो लोग बेहद पसंद करते है, लेकिन उनके बैकग्राउंड के बारे में लोगों को नहीं पता होता है. आज हम आपको बॉलीवुड़ के उन सितारों के बारे में बताएंगे जो पैदा तो जम्मू कश्मीर में हुए, लेकिन उनका कनेक्शन बॉलीवुड़ से है आइये जानते है उन सितारों के नाम और उनके बारे में……
के. एल. सहगल
बॉलीवुड़ के सुपरस्टर के. एल सहगल जन्में तो जम्मू में है, लेकिन पहचान मुंबई आकर बनाई . इनके पापा जम्मू कश्मीर के राजा के यहां तहसीलदार थे. उनकी मां केसरबाई को गानों का बहुत शौक था.धीरे धीरे के. एल . सहगल मंदिर में सितार बजाने लगे. पढ़ाई के बाद वो टाइपराइटर कंपनी में सेल्समैन बन गए , जिसके कारण उनका अलग अलग शहरों में आना जाना होने लगा। सहगल के दोस्त मेहरचंद जैन ने उनकी मदद की , उनके साथ वो मुशायरों में जाने लगे फिर उनको एक स्टूडियो में 200 रुपये महीने की जॉब मिल गई. कई एलबम में सहगल ने गाया उसके बाद मोहब्बत के आंसू मूवी मे हिरो का रोल मिला.
विधु विनोद चोपड़ा
विधु विनोद चोपड़ा भारतीय फिल्म निर्देशक, स्क्रीनराइटर और निर्माता हैं। परिंदा, 1942: ए लव स्टोरी, एकलव्यः द रॉयल गार्ड, मुन्नाभाई एमबीबीएस, लगे रहो मुन्नाभाई, 3 इडियटस, पीके उनकी पापुलर फिल्मों में से एक हैं। वे विनोद चोपड़ा फिल्मस के फाउंडर हैं।इनका जन्म 5 सितंबर 1942 को जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में हुआ था। इन्होंने बॉलीवुड़ को कई सारी फिल्मे दी है। इनका खानदान पेशेवर से जुडे थे.1990 में पंडितों के नरसंहार के बाद उनकी मां उन्हें मुंबई ले आई थी, जहां इन्होंने अपनी कला का खुल के प्रदर्शन किया.
ओम प्रकाश
ओम प्रकाश का जन्म 19 दिसम्बर 1919 को लाहौर में हुआ। उनका जन्म का नाम ओम प्रकाश छिब्बर था, लेकिन वो बाद में केवल ओम प्रकाश नाम से प्रसिद्ध हुये। वह 1937 में 25 रुपये के मासिक वेतन पर ऑल इंडिया रेडियो में शामिल हुए। उन्हें “फतेह दिवस” के रूप में जाना जाता था, एक रेडियो व्यक्तित्व और उनके कार्यक्रमों ने उन्हें पूरे पंजाब में लोकप्रिय बना दिया। वह एक दिन एक शादी में लोगों को रिजेक्ट कर रहे थे जब जाने-माने फिल्म निर्माता दलसुख पंचोली ने उन्हें देखा और उन्हें अपने लाहौर कार्यालय में देखने के लिए कहा।
पंचोली ने प्रकाश को बतौर अभिनेता फिल्म दया में अपना पहला ब्रेक दिया। उन्हें केवल 80 रुपये का भुगतान किया गया था, लेकिन फिल्म ने उन्हें उस तरह की पहचान दिलाई जो उन्हें जीवन भर के लिए आजीविका का साधन देगी। यह उनकी पहली प्रमुख भूमिका थी, उन्होंने एक मूक फिल्म, शरीफ बदमाश में थोड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने दासी और पंचोली की दमकी और आये बहार में अपने अच्छे काम का अनुसरण किया।
जीवन
कलाकार जीवन का रियल नेम ओंकार नाथ धर था. उनके दादा गिलगित के गवर्नर थे.माता पिता के देहांत के बाद उन्होंने फिल्मों में जाने की इच्छा जाहिर की, लेकिन सबको उनके लिए ये पेशा ठीक नहीं लगा और सब उनसे नाराज हो गए. वो भाग के मुंबई पहुंचे उनके पास उस समय केवल 26 रुपए थे. उन्होंने हेल्पर के तौर पर एक स्टूडियो में काम किया, जहां मनोज सिंहा ने उन्हें अपनी फिल्म के लिए साइन कर लिया. जीवन ने नारद मुनि का रोल भी अदा किया था.
आयशा जुल्का
आमिर खान के साथ जो जीता वही सिकदंर में दिखने वाली आयशा जुल्का को लोग आज भी याद करते है. इनके पिता कश्मीर में एयरफोर्स ऑफिसर थे और कश्मीर में ही आयशा का जन्म भी हुआ. आयशा ने खिलाड़ी, रंग, वक्त हमारा है और बहुत सी फिल्मों में काम किया है.