डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने वासेपुर के लोगों से मांगी माफ़ी, जानिए क्यों

मुंबई: बॉलीवुड इंडस्ट्री के फिल्म मेकर, डायरेक्टर, राइटर, अनुराग कश्यप का जन्म 10 सितंबर 1972 को यूपी के गोरखपुर के छोटे से गांव में हुआ था. डायरेक्टर अनुराग कश्यप लीक से हटकर फ़िल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं. फिल्म जगत में हमेशा कुछ नया प्रयोग करने वाले अनुराग ने कई फिल्म पुरस्कार भी हासिल कर चुके हैं. अनुराग एक ऐसे फिल्मकार हैं जो समाज की कड़वी सच्चाई को मनोरंजन के रुप में सभी के सामने परोस देते हैं.

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बता दें अनुराग एक सफल फिल्म डायरेक्टर हैं. अनुराग कश्यप के पिता बिजली विभाग में इंजीनियर थे,इसलिए उनका ट्रांसफर होता रहता था. इनकी स्कूली पढ़ाई देहरादून और ग्वालियर से हुई है. ग्रेजुएशन दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से किया है. ग्रेजुएशन के दौरान ही अनुराग का मन प्ले और थियेटर में ज्यादा लगने लगा था. वह स्ट्रीट प्ले ग्रुप जन नाट्य मंच में शामिल हो गए. दिल्ली में हुए इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ने अनुराग को अपनी तरफ ऐसा आकर्षित किया कि वह अपना करियर फिल्मों में बनाने की सोचने लगे और ऐसा उन्होंने कर दिखाया.

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यूपी के गोरखपुर में हुआ था अनुराग कश्यप का जन्म,जीत चुके हैं कई फिल्म पुरस्कार

जानकारी के मुताबिक अनुराग की सबसे सुपरहिट फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ मानी जाती है. कहते हैं कि फिल्म बनाने के बाद वासेपुर इतना अधिक बदनाम और फेमस हो गया कि वहां के लोगों को परेशानी होने लगी. यहां की कुछ सच्ची घटनाओं में इतना मिर्च मसाला लगा कर परोसा गया कि लोगों के जेहन से वासेपुर की हिंसक तस्वीर ही सामने आती है. इससे यहां के लोग बहुत नाराज हैं. इस बारे में खुद अनुराग ने एक बार मीडिया से बात करते हुए कहा था कि ‘फिल्म बनाते समय हमारे ख्याल में ये बात नहीं आई थी.

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गैंग्स ऑफ वासेपुर को बदनाम करने बाद वहां के लोगों से अनुराग ने मांगी माफ़ी  

उन्होंने कहा हम बस एक अच्छी फिल्म बनाना चाहते थे. लेकिन फिल्म बनने के बाद लार्जर दैन लाइफ हो जाएगी, ऐसा हमने सपने भी नहीं सोचा था. यह फिल्म इस कदर लोगों के दिल पर अपना असर छोड़ जाएगी इसकी कल्पना तक नहीं की थी. खबरों की माने तो अनुराग ने कहा था कि ‘अब क्या कर सकता हूं लेकिन इसके लिए मैं वासेपुर के लोगों से दिल से माफी मांगता हूं’.

अनुराग कश्यप 1993 में पहली बार मायानगरी मुंबई पहुंचे और खुद को संघर्ष में झोंक दिया. कहते हैं

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कि जब अनुराग मुंबई पहुंचे तो उनके पास महज 5 हजार रुपए थे. कई सफल एक्टर-राइटर और फिल्म मेकर की तरह इन्हें भी शुरू में काफी मुश्किलों और दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इन्होने अपने स्ट्रगल के दौरान कई सारे टीवी शो में भी काम किया. इस दौरान अनुराग की मुलाकात मनोज बाजपेयी से हुई. मनोज बाजपेयी ने ही उनकी मुलाकात राम गोपाल वर्मा से करवाई और उन्हें ‘सत्या’ फिल्म में लिखने का मौका मिला. ‘सत्या’ को सौरभ शुक्ला के साथ मिलकर लिखा, इसके बाद तो फिल्म की सफलता अनुराग के कदम चूमने लगी. इतना ही नहीं उसके बाद उन्होंने ने ‘शूल’ और ‘कौन’ फिल्म के डायलॉग भी लिखे.

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प्रोफेशनल लाइफ में अनुराग कश्यप जितने हैं सफल पर्सनल लाइफ में उतने ही हैं असफल

फिल्म निर्माता के तौर पर एक फिल्म बनाई ‘पांच’ जो रिलीज ही नहीं हुई. अनुराग कश्यप ने ‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘नो स्मोकिंग’, ‘देव डी’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ और ‘बॉम्बे वेलवेट’ , ‘मनमर्जियां’ जैसे फिल्मों में अपने निर्देशन का लोहा मनवाया है.

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आपको बता दे अनुराग कश्यप फिल्मों में जितने सफल हैं अपनी पर्सनल लाइफ में उतने ही असफल हैं. अनुराग कश्यप ने 1997 में पहली शादी फिल्म एडिटर आरती बजाज से की जो चल नहीं पाई और 2009 में दोनों का तलाक हो गया. इसके बाद एक्ट्रेस कल्कि कोचलिन से अनुराग ने दूसरी शादी रचाई, ये भी नहीं टिक पाई. पांच साल साथ रहने के बाद 2015 में इनका तलाक हो गया.  अनुराग की पहली वाइफ आरती से एक बेटी आलिया कश्यप है. वह अक्सर अपनी बिंदास बेटी के साथ सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करते रहते हैं.

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