कोरोना काल ने ‘बालिका वधू' शो के डायरेक्टर को ठेले पर सब्जी बेचने को किया मजबूर

मुंबई: कहते हैं  कि समय का चक्र बहुत ही निराला होता है। वहीं जब ये चक्र घूमता है, तो अच्छे अच्छों की किस्मत पलट जाती है, तो कहीं अचानक से ही किसी का बुरा वक्त शुरू हो जाता है। वहीं कोरोना महामारी ने भी कई बड़े-बड़े लोगों को सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है। इसका असर हर वर्ग के लोगों पर पड़ा है। इसका एक उदाहरण आजमगढ़ में देखते को मिला है, जहां कई मशहूर टीवी सीरियल और फिल्मों के डायरेक्टर रह चुके रामवृक्ष गौड़ आज ठेला चला कर सब्जी बेचने पर मजबूर हैं।

जी हां, राम वृक्ष को अपने परिवार का पेट पालने के लिए ये काम करना पड़ रहा है। डायरेक्टर राम वृक्ष गौड़ का कहना है कि रियल लाइफ और रील लाइफ दोनों में बहुत अंतर होता है। आगे उन्होंने ने बताया कि वह अपने बच्चे को परीक्षा दिलाने  गृह जनपद आजमगढ़ आए हुए थे।

लॉकडाउन की वजह से गांव में फंसे

कोरोना काल ने ‘बालिका वधू' शो के डायरेक्टर को ठेले पर सब्जी बेचने को किया मजबूर

इस दौरान कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन हो गया। जिसके कारण फ्लाइट व ट्रेन की सेवाएँ बंद हो गई थीं। वहीं अब राम वृक्ष मुंबई भी नहीं जा पा रहे हैं। उनक कहना है कि घर परिवार की जिम्मेदारियां उन्हीं के ही कंधों पर है और मुंबई में काम बंद होने से मजबूरी वश उन्हें सब्जी बेचकर परिवार का भरण-पोषण करना पड़ रहा है।

राम वृक्ष के पास है 22 साल का अनुभव

कोरोना काल ने ‘बालिका वधू' शो के डायरेक्टर को ठेले पर सब्जी बेचने को किया मजबूर

राम वृक्ष की पत्नी अनिता गौड़ का कहना है कि, परिस्थितियां का क्या है, उसमें उतार चढ़ाव होते ही रहते है, आज नहीं तो कल हालात सुधरेंगे ही। वहीं, उनकी बेटी नेहा का भी यही कहना है कि जब हमारी स्थिति सही हो जाएगी, तो हम फिर मुंबई में अपने दोस्तों के साथ अपने स्कूल में पढ़ाई कर सकेंगे।

टीवी सीरियल और फिल्मों में डायरेक्शन का काम कर चुके रामवृक्ष ने यशपाल शर्मा, राजपाल यादव, रणदीप हुडा, सुनील शेट्टी जैसे बड़े कलाकारों की फिल्म में सहायक निर्देशक का काम भी किया है। वहीं उन्हें अपने काम में 22 साल का अनुभव भी है।

कोरोना काल ने ‘बालिका वधू' शो के डायरेक्टर को ठेले पर सब्जी बेचने को किया मजबूर

बता दें कि आजमगढ़ जिले के निजामाबाद कस्बे के फरहाबाद निवासी राम वृक्ष साल 2002 में अपने दोस्त की सहायता से मुंबई गए थे। राम वृक्ष ने पहले बिजली विभाग में काम किया, जिसके बाद वह टीवी प्रोडक्शन में आ गए। अपनी कड़ी मेहनत और लगन के बल पर उन्हें  निर्देशन करने का मौका मिला और इसी क्षेत्र में उन्होंने अपना करियर बनाया।

इन सीरियलों के लिए कर चुके हैं काम 

कोरोना काल ने ‘बालिका वधू' शो के डायरेक्टर को ठेले पर सब्जी बेचने को किया मजबूर

बालिका वधु के अलावा रामवृक्ष ने इस प्यार को क्या नाम दूं, कुछ तो लोग कहेंगे, हमार सौतन हमार सहेली, झटपट चटपट, सलाम जिंदगी, हमारी देवरानी, थोड़ी खुशी थोड़ा गम, पूरब पश्चिम, जूनियर जी जैसे धारावाहिकों को डायरेक्ट किया है। रामवृक्ष कहते है कि आने वाले दिनों के लिए उनके पास एक भोजपुरी व एक हिन्दी फिल्म का काम है और अब वह इसी पर फोकस कर रहे हैं।

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