Singer Demise : फिल्म इंडस्ट्री में लगातार शोक कि लहर छाई हुई है। एक के बाद एक कईं सेलेब्रिटी चेहरे इस दुनिया को छोड़कर जा रहे है। ऐसे में अब एक और मशहूर सिंगर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। इसके चलते पूरी इंडस्ट्री में दुःख की लहर (Singer Demise) छाई हुई है। सभी म्यूजिक इंडस्ट्री वाले मशहूर सिंगर (Singer Demise) के जाने से बहुत दुखी है।
मशहूर शास्त्रीय गायक पंडित प्रभाकर का निधन
हम बात कर रहे हैं मशहूर हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पंडित प्रभाकर कारेकर कि, जिनका मुंबई में निधन (Singer Demise) हो गया है। 80 साल की उम्र में उन्होंने संक्षिप्त बीमारी के बाद अंतिम सांस ली। प्रभाकर कारेकर के परिवार ने बताया कि उन्होंने बुधवार रात शिवाजी पार्क इलाके में अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
यह जानकारी देते हुए उनके परिवार ने बताया कि वह पिछले कुछ समय से बीमार थे। जानिए पंडित प्रभाकर कारेकर के बारे में पंडित प्रभाकर कारेकर एक महान शास्त्रीय गायक (Singer Demise) थे। जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया।
प्रभाकर भारतीय संगीत के विद्वान् थे
मशहूर सिंगर प्रभाकर विशेष रूप से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के गायक (Singer Demise) थे और उनके संगीत में राग-रागिनियों की गहरी समझ और उत्कृष्टता थी। उनका गायन मुख्य रूप से ग़ज़ल, ठुमरी, भजन और द्रुत ताल में माहिर था। पंडित प्रभाकर कारेकर के गायन में अद्भुत लय, रागों की गहरी अनुभूति और सुरों की तल्लीनता थी।
उन्होंने अपनी आवाज और तकनीक से शास्त्रीय संगीत के पारंपरिक स्वरूपों को जीवित रखा। वह भारतीय संगीत की समृद्ध परंपरा का अहम हिस्सा थे। करेकर ने ऑर्नेट कोलमैन और सुल्तान खान के साथ फ्यूजन संगीत में भी हाथ आजमाया (Singer Demise)।
इन पुरस्कारों से हो चुके हैं सम्मानित
पंडित प्रभाकर करेकर का जन्म 1944 में गोवा में हुआ था। लेकिन उन्होंने पंडित सुरेश हल्दांकर, पंडित जितेंद्र अभिषेकी और पंडित सीआर व्यास से शास्त्रीय संगीत (Singer Demise) सीखा। पंडित प्रभाकर को बोलावा विट्ठल पाहावा विट्ठल और वक्रतुंड महाकाय जैसी रचनाओं के लिए जाना जाता था।
वह एक बेहतरीन गायक और अच्छे शिक्षक थे। मशहूर सिंगर प्रभाकर को तानसेन सम्मान, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और गोमंत विभूषण पुरस्कार समेत कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया।
कईं देशों में बिखेरा अपनी आवाज का जादू
कारेकर ने ऑर्नेट कोलमैन और सुल्तान खान के साथ फ्यूजन संगीत में भी हाथ आजमाया। इसके साथ पंडित प्रभाकर कारेकर ने अपनी मधुर आवाज में ‘बोलवा विट्ठल पाहवा विट्ठल’ और ‘वक्रतुंड महाकाय’ जैसे प्रसिद्ध भजन गाए। वह ऑल इंडिया रेडियो के एक मान्यता प्राप्त कलाकार थे।
वह दिल्ली से प्रसारित होने वाले राष्ट्रीय कार्यक्रमों और संगीत सम्मेलनों में गाते थे। उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, इटली और कई अन्य देशों में भी अपने संगीत का जादू बिखेरा (Singer Demise)।
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