Ashok Pathak: इस समय मनोरंजन जगत में चारों तरफ पंचायत वेब सीरीज की धूम है। पंचायत-4 में वैसे तो सभी कलाकारों ने शानदार काम किया है, लेकिन बिनोद नाम के किरदार को निभाने वाले अभिनेता अशोक पाठक (Ashok Pathak) ने अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीत लिया है. तो चलिए आगे जानते हैं कैसे पंचायत के विनोद ने साइकिल से शुरू किया स्टार बनने का सफर?
साइकिल से शुरू की जिंदगी
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— Ashok Pathak (@ashok_pathak3) July 1, 2025
अशोक पाठक (Ashok Pathak) सीवान के रहने वाले हैं लेकिन उनका जन्म हरियाणा में हुआ और बचपन भी हरियाणा में ही बीता। उनके पिता पहले फायरमैन थे जो भट्टी में कोयला फेंकते थे, फिर बॉयलर अटेंडेंट बन गए लेकिन आमदनी इतनी नहीं थी कि परिवार का पेट भर सके.
अशोक ने छोटी सी उम्र में ही कपास बेचना शुरू कर दिया था। साइकिल पर कई किलोमीटर दूर जाकर कपास बेचना और रोजाना 100 रुपए कमाना उनकी पहली ‘कमाई की सीख’ थी. इसी कमाई से उन्हें पहली बार थिएटर में फिल्म देखने का आनंद मिला।
पिता ने दिया पूरा साथ
हिसार में ग्रेजुएशन के दौरान अशोक पाठक (Ashok Pathak) को थिएटर से परिचय हुआ। कॉलेज फेस्टिवल में उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला। उनके पिता ने उन्हें सांत्वना देते हुए कहा, ‘‘पैसों की चिंता मत करो बेटा, मुंबई चले जाओ।’’ जिसके बाद अशोक पाठक का मनोबल बढ़ा।
उन्होंने भारतेंदु नाट्य अकादमी से एक्टिंग सीखी और एक नाटक के निर्देशन से मिले चालीस हज़ार रुपए जेब में लेकर मुंबई की ट्रेन पकड़ी। सपनों के शहर में कदम रखते ही मैंने अपना पहला ऑडिशन पास कर लिया और काम मिल गया. उनका सफ़र सोनी मैक्स चैनल से शुरू हुआ।
यहां से मिली सफलता
Ashok Pathak is a mind blowing actor. His performance in Panchayat Season 4 is phenomenal.
Binod 🫡 pic.twitter.com/O6ttRf56rC
— porcupine (@KarsonLusi) June 24, 2025
अशोक पाठक (Ashok Pathak) ने एक इंटरव्यू में बताया की मैं ‘पंचायत’ का पहला सीजन देखने के बाद इसका मुरीद हो गया था. दूसरे सीजन के लिए जब विनोद के रोल का ऑफर आया तो मैं झिझक रहा था। मैंने पहले भी कई छोटे-मोटे रोल किए थे, लेकिन मेरा मन नहीं लगा. लेकिन दोस्तों के आग्रह और ऑडिशन के बाद जब टीम को अशोक की एक्टिंग पसंद आई तो वह ‘विनोद’ के तौर पर स्क्रिप्ट का हिस्सा बन गए. सीरीज के स्ट्रीम होते ही लोगों के संदेशों की बाढ़ आ गई. छोटा सा किरदार बड़े पैमाने पर वायरल हो गया। जो लोग पहले उसके लुक पर हंसते थे, अब उसकी तारीफ करने लगे।
सफलता की सबसे बड़ी छलांग तब लगी जब अशोक पाठक ने 2024 के कान फिल्म फेस्टिवल में भारत का प्रतिनिधित्व किया। जब राधिका आप्टे के साथ उनकी फिल्म ‘सिस्टर मिडनाइट’ को डायरेक्टर्स फोर्टनाइट सेक्शन में दिखाया गया, तो फिल्म को 10 मिनट तक खड़े होकर तालियां बजाई गईं।
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