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Lata Mangeshkar : करीब 6 दशक तक लगातार काम करती रहीं और उनकी आवाज की कशिश बचपन उम्र के साथ और सुरीली होती जा रही थी. यही वजह थी कि मधुबाला (मधुबाला) से लेकर नई एक्ट्रेस तक, उनकी आवाज फिट हो गई थी. हम बात कर रहे हैं भारत कि सुर साम्राज्ञी और स्वर कोकिला के नाम से सुशोभित लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) कि जो संगीत के अलावा क्रिकेट का शौक भी रखती थी. सुरों की मल्लिका अपने खाली समय में या तो रियाज करती हैं या फिर अपना पसंदीदा खेल क्रिकेट देखना पसंद करती हैं.

Lata Mangeshkar और सचिन के बीच रहा गहरा बांड

Lata Mangeshkar
1983 में लॉर्ड्स के मैदान में गौरवशाली विश्व क्रिकेट कप की जीत के गवाह भी रहे हैं. लता दी को क्रिकेट का शौक और जुनून कैसे और किसकी सोहबत में हुआ था. बता दें लता मंगेशकर को सचिन तेंदुलकर कि बैटिंग काफी पसंद की थी. वह एक-दूसरे का काफी सम्मान करते थे. दोनों के बीच एक खास बात यह थी कि हर साल एक-दूसरे के जन्मदिन पर शुभकामनाएं देना नहीं भूलते थे. सचिन के लिए लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) मां की तरह थी. सचिन ने कई बार इस बात को कहा था.

लता को बेहद पसंद थी सचिन की बल्लेबाजी

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खुद लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने सचिन से अपने बारे में कहा था, “सचिन मुझे एक मां की तरह मानते हैं और मैं भी एक मां की तरह उनकी सलामती और बेहतर प्रदर्शन के लिए हमेशा प्रार्थना करती हूं.’ लता मंगेशकर ने ग्रेट बल्लेबाज सचिन के प्रति अपने प्यार के बारे में कई बार खुलासा किया हैं. वो सचिन को अपने बेटे की तरह मानती थी. एक बार लता (Lata Mangeshkar) ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि, ‘सभी खिलाड़ी अच्छे हैं, लेकिन सचिन मेरे पसंदीदा हैं. उस ग्रुप में सुनील गावस्कर और कपिल देव शामिल थे. और भी क्रिकेटर्स हैं, सभी अच्छे हैं. द्रविड़ भी अच्छे हैं. मगर सबसे पसंदीदा सचिन तेंदुलकर हैं. हर किसी को सचिन पसंद हैं तो मैं पीछे रहूं.’

लता को मां का दर्जा देते थे सचिन तेंदुलकर

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क्रिकेट के दीवानगी का आलम क्या है देश में, इसके बारे में सबसे ज्यादा क्या है बात. ये पब्लिक को पता है. वहीं दिवानगी की हद तक लता (Lata Mangeshkar) जी में भी थी. इस बारे में एक किताब ‘लता: सुर-गाथा’ में लिखा है. उन्होंने बताया कि भारत के क्रिकेट में हार जाने के बाद उनका मूड काफी खराब हो जाता था कि उन्हें एक लंबे समय में ठीक लग रहा था. यतींद्र ने किताब के समय का एक वाकया याद करते हुए अपने ब्लॉग में लिखा, ‘अगर किसी दिन सचिन तेंदुलकर खेल रहे हों और टीम हार गई हो, तो समझिए कि इसके दौर में लेकर उथल-पुथल की स्थिति में ही रहना है.

सचिन के लिए हमेशा करती थी लता प्रार्थना

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ये सिर्फ क्रिकेट ही था जो मेरी किताब ‘लता (Lata Mangeshkar): सुर-गाथा’ में सही तरीके खड़ा हो गया था.’ बता दें 2017 में मास्टर ब्लास्टर पर डॉक्यूमेंट्री सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स आई थी. तब लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने ट्वीट किया, ‘नमस्कार आपकी जो फिल्म आ रही है, उसमें भी आप क्रिकेट मैदान की तरह की शालीनता और अभिनय की धूम मचाएं, यही कामना है.’ इस पर सचिन ने लिखा था, “मां का आशीर्वाद बिना कुछ भी नहीं हैं. आप मेरे लिए माँ समान हो. आपका आशीर्वाद के लिए धन्यवाद.”

लता मंगेशकर ने सचिन के लिए मांगा सम्मान

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सचिन को 2014 में भारत रत्न मिला था. लेकिन लता मंगेशकर ने पहले उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान की गारंटी दी थी. 13 साल की उम्र से गा रही लता जी (Lata Mangeshkar) ने 80 साल के बेहद लंबे करियर में अलग-अलग 36 भाषाओँ में 50 हजार से ज्यादा गाने गाए. यही कारण है कि उन्हें (Lata Mangeshkar) भारत रत्न, पद्म विभूषण जैसे सर्वोच्च सम्मान तो मिले ही, साथ ही ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में भी नाम दर्ज हुआ.

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