देश के बेस्ट कॉमेडियन्म की लिस्ट तैयार की जाए तो उसमें राजू श्रीवास्तव का नाम सबसे पहले नंबर पर आता है. 25 दिसंबर 1963 को कानपुर में पैदा हुए राजू का अपना एक अलग अंदाज है, जिस तरह से वो अपनी छोटी-छोटी बातों से लोगों को गुदगुदाने का हुनर रखते हैं, उसकी जितनी तारीफ की जाए कम ही होगी.
कहते हैं अपनी बात असरदार तरीके से कहने की कला उन्हें अपने पिता से मिली है. दरअसल, उनके पिता कवि थे. राजू को बचपन से ही क़ॉमेडी का शौक था। वो एक कॉमेडियन बनना चाहते थे.आज हम उनके बारे में कुछ खास बाते आपको बताएंगे.
ये था राजू का पहला शो
राजू श्रीवास्तव ने अपने करियर की शुरूआत टीवी शो ‘टी टाइम मनोरंजन’ से की थी। दुरदर्शन पर आने वाले इस शो में राजू, सुरेश मैनन और ब्रजेश हारजी जैसे कलाकारों के साथ मंच शेयर करते नजर आए थे। हालांकि उन्हें पहचान मिली ‘द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज’ से।
इस शो में उन्होंने यूपी का रंग दिखाया और लोगों को अपने पंच लाइन से हंसने पर मजबूर कर दिया। हालांकि इस शो में ‘गजोधर भैय्या’ रनर अप रहे थे, लेकिन दर्शकों ने उन्हें ‘द किंग ऑफ कॉमेडी’ का टाइटल दिया।
बिना पैसे गुजारे दिन
अपने स्ट्रगल के बारे में बात करते हुए राजू ने बताया था कि ‘मैं जब मुंबई आया तो लोग हास्य कलाकार को कोई बड़ा कलाकार नहीं मानते थे। हास्य बस जॉनी वाकर से शुरू होकर जॉनी लीवर पर खत्म हो जाता था। स्टैंड अप कॉमेडी की तब जगह नहीं थी सो मुझे जगह नहीं मिली’।
घर से भेजे पैसे मुंबई जैसे शहर में कम पड़ जाते थे। ऐसे में खर्चा उठाने के लिए राजू ने ऑटो भी चलाया। उन्हें कभी कभी शो भी मिल जाया करते थे। राजू का सपना पूरा होना ही था औरे ऐसे में एक सवारी के रेफरेंस से राजू को बड़ा ब्रेक मिला था, जब उन्हें शो मिलने शुरू हुए तो उन्होंने 50 रुपये में कॉमेडी की।