The Story Of The British Raj Is Hidden In Salman Khan'S Family Heritage
The story of the British Raj is hidden in Salman Khan's family heritage

Salman Khan: बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान कई बार बड़े पर्दे पर पुलिसवाले की भूमिका में नजर आ चुके हैं। भाईजान वांटेड, गर्व, राधे और दबंग सीरीज जैसी फिल्मों में अपने पुलिस वाले अंदाज से फैन्स का दिल जीतते आ रहे हैं. सलमान का रील लाइफ के साथ-साथ रियल लाइफ में भी पुलिस डिपार्टमेंट से खास कनेक्शन है. सलमान खान (Salman Khan) के दादा पुलिस डिपार्टमेंट में सीनियर ऑफिसर थे.

दादा थे हाई रैंक पुलिस ऑफिसर

Salman Khan Grandfather Addul Rashid Khan Dig Of Indore
Salman Khan Grandfather Addul Rashid Khan Dig Of Indore

सलमान खान (Salman Khan) के दादा अब्दुल रशीद खान ब्रिटिश राज के दौरान डीआईजी थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटिश राज के दौरान भारतीयों को दी जाने वाली यह सबसे ऊंची रैंक (डीआईजी) थे.अब्दुल रशीद खान पहले इंदौर में सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के पद पर तैनात थे और पदोन्नति के बाद वे डीआईजी बन गए.

Also Read…सालों बाद टीम में वापसी के बाद भी विदाई की तैयारी, इंग्लैंड सीरीज के बाद संन्यास ले सकता है ये खिलाड़ी

इंदौर से है खास रिश्ता

Salman Khan Family
Salman Khan Family

इस दौरान सलमान खान (Salman Khan) के दादा को मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से 50 किलोमीटर दूर मंडलेश्वर में एक रिहायशी बंगला भी दिया गया था। अब्दुल रशीद खान 1942 से 1948 तक इसी बंगले में रहे थे। सलमान और उनके पिता सलीम खान का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था. बतौर अभिनेता फिल्मी दुनिया में असफल शुरुआत के बाद सलीम खान ने फिल्म लेखन में अपना करियर स्थापित किया और सफलता मिलने के बाद वे अपने पूरे परिवार के साथ मुंबई चले गए। आपको बता दें कि अब्दुल रशीद खान को उनकी बहादुरी के लिए दिलेर जंग की उपाधि से सम्मानित किया गया था।

क्रांतिकारियों को रोका

बता दें की सलमान खान (Salman Khan) के दादा का नाम भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान हुई एक घटना में आता है. 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ब्रिटिश सरकार ने कई क्रांतिकारियों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था. जेल में कैद 68 क्रांतिकारियों ने प्रशासन से 2 अक्टूबर को गांधीजी का जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी थी, जिसे ब्रिटिश सरकार ने अस्वीकार कर दिया था. गुस्साए क्रांतिकारियों ने जेल का दरवाजा तोड़ दिया जिसके बाद उन्होंने क्रांतिकारियों को रोकने की कोशिश की।आपको बता दें कि आजादी के बाद 1956 में डीआईजी का पद खत्म कर दिया गया था।

Also Read...इतने दिनों घर से निकलना होगा मुश्किल, आंधी-तूफान के साथ बारिश का होगा कहर