The Industry Is Mourning The Death Of Pritish Nandy

Pritish Nandy: हिंदी सिनेमा के लिए साल 2025 भी काल बनकर आया। एक के बाद एक दिग्गज सितारों की मौत की खबर सामने आ रही है। हाल ही में फेमस फिल्म मेकर, कवि और लेखक प्रीतिश नंदी (Pritish Nandy) का निधन हो गया है। उन्होंने 73 वर्ष की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली। वे फिल्म निर्माता कुशन नंदी के पुत्र थे। प्रीतिश के दोस्त और एक्टर अनुपम खेर ने बुधवार को इंस्टाग्राम पर एक भावुक नोट के साथ उनके मौत की खबर शेयर की और उनकी यादों को ताजा किया।

दिग्गज फिल्म मेकर Pritish Nandy का हुआ निधन

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Anupam Kher (@anupampkher) 

बता दें कि प्रीतिश नंदी (Pritish Nandy) अनुपम खेर के दोस्त थे, ऐसे में अनुपम ने अपने दोस्त के निधन पर इमोशनल पोस्ट शेयर किया जिसमें लिखा – मेरे सबसे प्रिय करीबी दोस्तों में से एक प्रीतिश नंदी के निधन के बारे में जानकर बहुत दुखी और स्तब्ध हूं! अद्भुत कवि, लेखक, फिल्म निर्माता और एक बहादुर और अद्वितीय संपादक/पत्रकार! मुंबई में मेरे शुरुआती दिनों उन्होंने मेरी काफी मदद की थी और वो मेरे लिए शक्ति का बड़ा सोर्स थे। हमने बहुत सी बातें शेयर कीं।

कौन थे Pritish Nandy?

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Pritish Nandy (@pritishnandy2018) 

प्रीतिश नंदी (Pritish Nandy) एक प्रसिद्ध कवि, लेखक, पत्रकार और संपादक थे, जिन्होंने फिल्म निर्माण में भी सक्रियता दिखाई। उनका जन्म 15 जनवरी 1951 को हुआ था। वे द इलस्टेटेड वीकली ऑफ इंडिया के संपादक रहे हैं। साहित्य और पत्रकारिता उनके प्रिय क्षेत्रों में से थे। उन्होंने फिल्म निर्माण में भी उत्कृष्ट सफलता प्राप्त की थी और उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रीतिश नंदी ने चमेली, जंकार बीट्स, हिलाहन ख्वाहिशे ऐसी, अगली और पगली, रात गई बात गई और शादी के साइड इफेक्ट्स जैसी फिल्में बनाई है।

तिलक वर्मा की तूफानी पारी, 14 चौके, 10 छक्के, 67 गेंदों पर 151 रन, सैयद मुश्ताक ट्रॉफी में मचाया तहलका

Pritish Nandy इसलिए भी हैं फेमस

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Pritish Nandy (@pritishnandy2018) 

प्रीतिश नंदी (Pritish Nandy) एक पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी जाने जाते थे। उन्होंने 1990 के दशक में दूरदर्शन पर प्रीतिश नंदी शो नामक एक टॉक शो की मेज़बानी की, जिसमें उन्होंने मशहूर हस्तियों का इंटरव्यू लिया। उन्होंने कवि, चित्रकार, पत्रकार और सांसद के रूप में महत्वपूर्ण कार्य किए। वे महाराष्ट्र से राज्यसभा के सांसद थे, जिन्हें शिवसेना के कोटे से चुना गया था। अंग्रेजी में उनके द्वारा लिखी गई चालीस से अधिक कविता की पुस्तिकाएं हैं, और उन्होंने बंगाली, उर्दू और पंजाबी में अन्य लेखकों की कविताओं का अनुवाद किया, साथ ही उपनिषदों का एक नया संस्करण भी प्रस्तुत किया।

ये भी पढ़ें: मनोज बाजपेयी ने पहले ही भांप लिया था सुशांत सिंह राजपूत का दर्द, बोले- ‘मैंने कहा था ये लोग तुम्हें जान मार देंगे…’