बीटेक का छात्र पिछले 9 सालो से भर रहा गरीबों का पेट

बीटेक कर रहे एक छात्र ने गरीबो की मज़बूरी महसूस कर मुफ्त में उनका पेट भरने की सोची और आज पिछले 9 सालों से खिला रहा हे गरीबो को मुफ्त में खाना. अक्सर लोगों को खाने की वेस्टिंग करते देखा जा सकता है , लेकिन उनमे इतनी हिम्मत नहीं होती की वो किसी गरीब को खाना खिला सके. कहते है खाना बिगाड़ने वाले से बड़ा खाना खिलाने वाला होता है.

आज हम आपके लिए लेकर आये है बीटेक छात्र की प्रेणादायक कहानी जिसमे कैसे उसके दिमाग में गरीबो के पेट भरने की योजना बनायी

बीटेक करने आये थे मल्लेश्वर राव तेलंगाना

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ये कहानी है तेलंगाना के हैदराबाद में बीटेक करने आये एक छात्र की जिनका नाम मल्लेश्वर राव है. वो साल 2011 में हैदराबाद आये थे. पढाई के साथ जेब खर्चा चलाने के लिए उन्होंने एक कैटरिंग कंपनी में पार्ट टाइम जॉब लगा ली. जब वो इस कंपनी के जरिये पार्टियों में काम करने जाते थे, इस दौरान उन्होंने शादियों देखा की शादियों में कितना खाना बर्बाद किया जाता है. इस तरह खाना बर्बाद होते देख उन्हें बहुत बुरा लगता था. वो सोचते थे की कैसे इस बर्बादी को रोक सकें.

खाने बर्बादी को रोकने के लिए बनाई ‘डोंट वेस्ट फूड’ संस्था

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मल्लेश्वर राव ने खाने की बर्बादी को रोकने के लिए एक योजना बनाई की वो शादियों में बर्बाद होने वाले खाने को जरुरतमंदों तक पहुंचाएंगे. इस योजना में उन्होंने हैदराबाद के अंदर कई होटलों और कैटरिंग कंपिनयों से संपर्क किया. उन्होंने उनसे जाकर बात करी और उनसे तय कर लिया की उनके यहां जो भी खाना जरुरत से ज्यादा बचेगा वो उनसे संपर्क करेंगे और वो उनके यहां से उस खाने को ले जाकर जरुरतमंदों तक पहुँचाया करेंगे.

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उन्होंने योजना को आगे बढ़ाते हुए सड़को पर गरीबो तक खाना पहुँचाना शुरू कर दिया. आज उन्हें गरीबो को खाना खिलाते हुए लगभग 9 साल हो चुके है. आज के समय में उनका साथ देने के लिए कई लोग उनके साथ जुड़ चुके है.

तो ये थी हमारी आज की कहानी जिसमें मल्लेश्वर राव ने खाने की बर्बादी को रोक कर गरीबो का पेट भरने की सोची और आज वो पिछले 9 सालो से गरीबो का पेट भर रहे हैं.

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