इंडियन क्रिकेट (Indian Cricket) इतिहास में अगर कप्तानों की बात की जाएगी वो सौरव गांगुली का नाम सबसे महान कप्तानों में से एक के तौर उनका नाम सामने आएगा. सौरव गांगुली ने उस वक़्त इंडियन क्रिकेट टीम की कमान संभाली जब भारतीय खिलाडियों का नाम मैच फिक्सिंग जैसे बड़े अपराध के साथ जुड़ गया था. इसके बाद गांगुली के ऊपर टीम को इस दाग को भुलाने के साथ-साथ टीम को देश ही नहीं विदेश में भी जीतने के लिए प्रेरित करना था.
सौरव गांगुली को इंडियन क्रिकेट (Indian Cricket) में दादा के नाम से बुलाते है और उन्होंने अपनी कप्तानी में इंडियन क्रिकेट को युवराज, सहवाग, हरभजन, ज़हीर खान जैसे बेहतरीन खिलाडियों के साथ-साथ धोनी जैसा शानदार कप्तान भी दिया है. भले ही उन्होंने कई खिलाडियों को मौका दिया लेकिन कुछ ऐसे भी भारतीय खिलाडी है जिनको दादा की कप्तानी में नज़रअंदाज़ किया गया है. घरेलु क्रिकेट में बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया लेकिन इसके बावजूद दादा की कप्तानी में जगह नहीं मिल पाई थी. तो चलिए नजर डालते है ऐसे ही क्रिकेट दिग्गजों के बारे में:
1. अमोल मजूमदार
इंडियन डोमेस्टिक क्रिकेट के बड़े स्टार खिलाडी की अगर हम बात करे तो अमोल मजूमदार को इंडियन टीम (Indian Cricket) में कभी भी जगह नहीं मिल पा. उन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया और मुंबई क्रिकेट के लिए रिकॉर्डतोड़ रन बनाये है लेकिन गांगुली की कप्तानी में उन्हें कोई भी मौका नहीं मिला. अमोल मजूमदार ने मुंबई के लिए काफी फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला है.
मजूमदार ने 171 फर्स्ट क्लास मैच खेले है जिसमें उन्होंने 48 से भी ज्यादा के औसत से 11,167 रन बनाये है. उनके बल्ले से 30 शतक और 60 अर्धशतक निकले है. अमोल का हाईएस्ट स्कोर 260 रन का है. इतने शानदार प्रदर्शन के बावजूद अमोल मजूमदार को गांगुली की कप्तानी में कभी मौका ही नहीं मिला. गांगुली के कप्तानी के बाद भी अपनी उम्र की चलते वो कभी इंडियन क्रिकेट टीम के लिए नहीं खेल पाए.