जो बाइडन

अमेरिका के नये राष्ट्रपति जो बाइडन एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में अपने समकक्ष चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, “वो बहुत सख्त हैं। मैं  आलोचक के तौर पर ये नहीं कह रहा हूं, ये सच्चाई है- कि उनके शरीर में कोई लोकतांत्रिक हड्डी नहीं है”

जो बाइडन और शी उपराष्ट्रपति रहते हुए कई बार मिले हैं

जो बाइडन

अमेरिका के राष्ट्रपति का मानना है कि चीन के साथ अमेरिकी प्रतिदंवद्विता दो विश्व शक्तियों के बीच संघर्ष के बजाए “चरम प्रतिस्पर्धा” का रूप ले लेगी।

द हिंदू अखबार की एक खबर के मुताबिक, बाइडन ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन और चीन के प्रशासन के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होगी, लेकिन वो जो रिश्ता बनाना चाहते हैं वो संघर्ष का नहीं होना चाहिए।

दरअसल ये बात बाइडन ने रविवार को अमेरिकी टीवी चैनल सीबीएस के साथ इंटरव्यू में कही। उन्होंने कहा, “वो जब से राष्ट्रपति बने है तबसे उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कोई बात नहीं हुई है। लेकिन उन्होंने कहा कि अपने-अपने देशों के उपराष्ट्रपति रहते हुए वो दोनों कई बार मिले हैं।

जो बाइडन ने कहा शी जिनपिंग बहुत सख्त हैं

जो बाइडन

इसी इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बहुत सख्त हैं। उन्होंने कहा कि, “मैं आलोचना के तौर पर ये नहीं कह रहा हूं, ये सच्चाई है- उनके शरीर में कोई लोकतांत्रि हड्डी नहीं है”।

दरअसल इसी साल ट्रंप की जगह जो बाइडन के कुर्सी संभालने के कुछ वक्त बाद ही चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि “इस बहुत कठिन और आसाधारण वक्त के बाद, चीन और अमेरिका दोनों के लोग बेहतर भविष्य के अधिकारी हैं”। वैसे चीन ने बाइडन प्रशासन के विश्व स्वास्थ्य संगठन में बने रहने और पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते में लौटने के फैसले का स्वागत किया था।

हालांकि अमेरिका के नए प्रशासन में व्यापार, ताइवान, मानवाधिकारों और दक्षिण चीन सागर पर अमेरिकी नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव का संभावना नहीं है, जिसने शी जिनपिंग की सरकार को नाराज़ कर दिया है। वैसे बाइडन का कहा कि वो अमेरिका और चीन के रिश्तों की तरह नहीं चलाएंगे, लेकिन अंतरराष्ट्रीय रुख पर केंद्रित रहेंगे।

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