ग्रेटा थनबर्ग

जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने दिशा रवि का समर्थन करते हुए कहा है कि बोलने की आज़ादी, लोकतंत्र का मूल हिस्सा होना चाहिए, इसके साथ समझौता नहीं किया जा सकता है। आपको बता दें कि ग्रेटा ने यह ट्वीट टूलकिट मामले में गिरफ्तार की गई पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि के समर्थ ने किया है। पटियाला हाउस कोर्ट ने एक्टिविस्ट दिशा रवि को 3 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

अभिव्यक्ति आजादी का होना चाहिए सम्मान

दिशा रवि

पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 3 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की मांग को मंजूर करते हुए यह आदेश दिया है।

एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने दिशा का समर्थन करते हुए कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ऐसा मानवाधिकार है जिस पर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता है।

ग्रेटा थनबर्ग ने किया लिखा है ट्वीट में

ग्रेटा थनबर्ग

ग्रेटा थनबर्ग ने दिशा रवि का समर्थन करते हुए ट्वीट में लिखा है, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का अधिकार और उसके लिए इकट्ठा होना यह कुछ ऐसे मानवाधिकार हैं जिस पर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता है। ये किसी भी लोकतंत्र के मूलभूत हिस्से होने चाहिए”।

ग्रेटा ने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने ‘हैशटैग स्टैंड विद दिशा रवि’ का इस्तेमाल भी किया है। दरअसल ग्रेटा ने ‘फ्राइडेस फॉर फ्यूचर इंडिया‘ नामक संगठन के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए यह बात कही है।

कौन हैं एक्टिविस्ट ‘दिशा रवि’

दिशा रवि

दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले ‘टूलकिट’ मामले में 13 फरवरी को दिशा रवि को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था।

दिशा रवि पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में बनाई गई टूलकिट को एडिट किया है और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया है। यह वही टूलकिट है, जिसे जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि दिशा रवि उस टूलकिट की एडिटर हैं और उस दस्तावेज़ को तैयार करने से लेकर उसे सोशल मीडिया पर साझा करने वाली मुख्य साज़िशकर्ता हैं।

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