Ratan Tata: भारत के फेमस बिज़नेसमैन ‘रतन टाटा’ (Ratan Tata) ने मिडिल क्लास को ध्यान में रखते हुए अपनी ड्रीम कार ‘टाटा नैनो’ (Tata Nano) लॉन्च की थी। ये भारतीय कार इतिहास की अब तक सबसे सस्ती कारों में से एक है। रतन टाटा ने इस कार की कीमत 1 लाख रुपये रखी। इस बजट कार की लॉन्चिंग के बाद ही ‘टाटा मोटर्स’ (Tata Motors) ने भारतीय कार मार्किट में अपनी एक अलग पहचान बनाई। वहीं टाटा मोटर्स जल्द ही टाटा नैनो को इलेक्ट्रिक अवतार में वापस ला रही है।
2008 में लॉन्च की थी सबसे सस्ती कार Tata Nano

बता दें कि ‘टाटा मोटर्स’ (Tata Motors) ने 10 जनवरी 2008 को देश की सबसे सस्ती कार ‘टाटा नैनो’ (Tata Nano) लॉन्च की थी। हालांकि इस समय ‘नैनो’ मार्केट में उपलब्ध नहीं है। लेकिन सूचना है कि टाटा मोटर्स जल्द ही ‘टाटा नैनो’ को इलेक्ट्रिक अवतार में वापस ला रही है। टाटा मोटर्स ने नैनो की तरह या कहे कि नैनो का ही लखटकिया मॉडल निकाला। टाटा नैनो को दुनिया की सबसे सस्ती और सबसे महंगी कार होने का खिताब भी मिला था। इसकी कीमत 22 करोड़ रुपये थी। हालांकि ये कार ऑटोमोबाइल मार्केट में बिक्री के लिए नहीं थी।
टाटा ने पेश की सोने की गाड़ी

‘टाटा मोटर्स’ (Tata Motors) ऑटोमोबाइल की दुनिया में ऐसा ब्रांड है, जिसने सोने की गाड़ी तैयार की। टाटा मोटर्स ने ‘गोल्ड प्लस टाटा नैनो’ (Gold Plus Tata Nano) को दुनिया की पहली सोने के आभूषण वाली कार के रूप में पेश किया था। ये बेशक़ीमती कार सोने और चांदी से बनी थी। इसके अलावा इसमें बेशक़ीमती पत्थर भी जड़े हुए थे। इसकी 80 किलो की बॉडी 22 कैरेट सॉलिड गोल्ड और 15 किलो सिल्वर से बनाई गई थी। इसमें डायमंड और रूबी सहित कई क़ीमती पत्थर भी लगे थे।
इस वजह से बनाई थी 22 करोड़ की कार

दरअसल, ‘टाटा मोटर्स’ (Tata Motors) ने इस ख़ास नैनो कार को भारतीय ज्वैलरी आर्ट के 5000 साल पूरे होने पर समर्पित किया था। इसे टाटा ग्रुप की टाइटन कंपनी ने अपनी गोल्डप्लस ज्वैलरी के प्रचार के रूप में बनाया गया था। इस ‘गोल्डप्लस टाटा नैनो’ का अनावरण ख़ुद रतन टाटा ने किया था। इसे 5 डिज़ाइनरों ने मिलकर 8 महीने में बनाया था।
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