Who Was Mukhtar Ansari, Who Died In Up Banda Jail, Why Was He Given Life Imprisonment?

Mukhtar Ansari: उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाशों में मशहूर मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। बांदा जेल में बंद गुरूवार शाम को अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए तुंरत ले जाया गया। लेकिन उपचार के दौरान ही उन्होंने दम तोड़ा दिया। मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) साल 2005 से जेल में बंद है। 60 साल का मुख्तार 5 बार विधायक भी रह चुका था। हाल ही में में उसने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा था की जेल में उसे जहर दिया जा कहा है। ऐसे में उसकी मौत के बाद से बांदा, मऊ और गाजीपुर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। भारी संख्या में इन राज्यों में पुलिस बल तैनात किया गया है। इस रिपोर्ट के जरिये विस्तार से जानते हैं आखिर कौन था मुख्तार अंसारी….

राजनीतिक परिवार से था Mukhtar Ansari

Mukhtar Ansari

मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का जन्म 3 जून 1963 गाजीपुर के जिले मोहम्मदाबाद में हुआ था। उसके अब्बा का नाम सुबाहउल्लाह अंसारी और अम्मी का बेगम राबिया था। जन्म से उनके परिवार की पहचान एक मशहूर राजनीतिक खानदान से ताल्लुक रखने वाले शख्स की रही है। मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे। जिन्होंने देश की सेवा के लिए अपनी जान जोखिम में डाल थी। सरकार ने उन्हें 1947 की लड़ाई में शामिल होने के लिए महावीर चक्र दिया गया था। जबकि मुख्तार अंसारी के पिता गाजीपुर की राजनीति में काफी एक्टिव थे। वह एक ईमादार नेता के रूप में जिले में पहचाने जाते थे। इतना ही नहीं बल्कि भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मुख्तार के रिश्ते में चाचा लगते थे।

गैंगस्टर गैंग में शामिल था मुख्तार अंसारी

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राजनीतिक परिवार से होने के बावजूद भी मुख्तार अंसारी का अपराधिक मामलों में नाम आने लगा था। साल 2018 में पूर्वांचल राज्यों में जब विकास का काम चल रहा था, तो सभी लोकल गैंग्स में ठेके लेने के लिए आपस में होड़ रहती थी। इस वक्त राजनीति से दूर मुख्तार मखानू गैंग में शामिल था। उसके गैंग की दुश्मनी साहिब सिंह गैंग से थी। इस दूसरी गैंग में गैंगस्टर ब्रजेश सिंह शामिल था। बता दें कि मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) पर 61 अपराधिक मामले दर्ज थे। जिसमें से 15 मामले हत्या के शामिल थे।

मुख्तार अंसारी ने बीजेपी नेता को उतारा मौत के घाट

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ब्रजेश सिंह ने मुख्तार अंसारी की गैंग पर साजिश के तहत हमला करवा दिया। इसमें उसके 3 गुर्गे को मौत के घाट उतार दिया गया। इस घटना में ब्रजेश सिंह भी बुरी तरह जख्मी हो गया था। फिर 2005 में बीजेपी एमएल कृष्णानंद की हत्या को अंजाम दिया गया। हमले में एमएलए के  साथ 6 लोग भी मारे गए। कृष्णानंद राय की मौत के लिए AK-47 का इस्तेमाल किया था। जिसमें 400 राउंड फायरिंग हुई थी और मृतकों के शरीर से 67 कारतूस निकाले गए थे।

जानकारी के मुताबिक कृष्णानंद राय की हत्या के समय मुख्तार अंसारी जेल में ही बंद था। उसने सलाखों के पीछे से ही अपने गुर्गों के जरिये इस घटना को अंजाम दिया था। क्योंकि बृजेश सिंह ने भाजपा के एमएलए कृष्णानंद राय का समर्थन किया था। 2002 में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) विधानसभा चुनाव लड़ रहा था और उसके सामने कृष्णानंद खड़ा था। भारी मतों से बीजेपी उम्मीदवार की विजय हुई थी। जिसकी वजह से मुख्तार बीजेपी नेता के खून का प्यासा हो गया था।

अंसारी को हुई उम्रकैद की सजा

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कृष्णानंद राय की हत्या के एक प्रमुख गवाह शशिकांत को संदिग्ध हालत में मृत पाया गया था। जिसके बाद 2004 में डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के ठिकानों पर छापा डाला। जहां उन्हें एक लाइट मशनी गन बरामद हुई थी। मुख्तार अंसारी के खिलाफ POTA के तहत केस दर्ज किया गया था। साल 2012 में कुख्यात गैंग चलाने के जुर्म में अंसारी पर मकोका के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। 2023 अप्रैल में बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में उसे 10 की सजा सुनाई गई थी। वहीं, 13 मार्च 2024 को एक आर्म्स लाइसेंस केस में मुख्तार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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