Bihar Election: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव (Bihar Election) होने वाले हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव इसी साल अक्टूबर-नवंबर में होने हैं। इसके लिए सभी राजनीतिक पार्टी पूरा जोर लगा रही हैं और जीत के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। ऐसे में देश की सबसे पुरानी पार्टी बिहार इलेक्शन में जीतने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले टिकट के लिए सोशल मीडिया एक्टिविटी को मापदंड बनाने को लेकर बिहार कांग्रेस में बड़ा विवाद छिड़ गया है।
Bihar Election में कांग्रेस की नई गाइडलाइन
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की नई गाइडलाइन के तहत बिहार इलेक्शन (Bihar Election) में टिकट का दावेदार वही माना जाएगा जिसके पास सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ज्यादा फ़ॉलोअर्स होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स पर पर्याप्त संख्या में फॉलोअर्स होंगे उसे ही कांग्रेस की तरफ से टिकट दिया जाएगा। कांग्रेस के आदेश के मुताबिक, फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स प्लेटफॉर्म पर जिनके फॉलोअर्स की संख्या अच्छी होगी। वही टिकट के असली दावेदार माने जाएंगे। तीनों प्लेटफॉर्म के लिए न्यूनतम संख्या अलग-अलग निर्धारित की गई है।
किस प्लेटफॉर्म पर कितने फॉलोअर्स जरूरी?
बिहार इलेक्शन (Bihar Election) में कांग्रेस की तरफ से किसी व्यक्ति की दावेदारी तभी मानी जाएगी, जब उसके फेसबुक पर कम से कम एक लाख 30 हजार फॉलोअर्स होंगे। वहीं एक्स हैंडल पर 50 हजार और इंस्टाग्राम पर कम से कम 30 हजार फॉलोअर्स होंगे। जिला कमेटियों की दावेदारी के लिए भी यह मापदंड पूरा करना होगा।
अगर शर्तें लागू होती हैं तो बिहार में कांग्रेस विधायक दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष समेत सभी 19 विधायक भी टिकट से वंचित हो सकते हैं। अन्य दावेदारों के लिए तो यह और भी मुश्किल होगा। यह असंभव लक्ष्य बिहार कांग्रेस नेताओं को 7 अप्रैल को सेंट्रल वॉर रूम के चेयरमैन और पूर्व आईएएस शशिकांत सेंथिल ने उस समय दिया था।
बिहार कांग्रेस में कन्हैया कुमार के ज्यादा फॉलोअर्स
बिहार (Bihar Election) में कांग्रेस के ज्यादातर नेता सोशल मीडिया पर बहुत कम सक्रिय हैं। कन्हैया कुमार को छोड़ दें तो ज्यादातर नेता सोशल मीडिया के मापदंड पर खरे नहीं उतरते। इंस्टाग्राम पर कन्हैया के 44 लाख और फेसबुक पर 14 लाख फॉलोअर्स हैं। पूर्व अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के फेसबुक पर 3.71 लाख और इंस्टाग्राम पर 27.2 हजार फॉलोअर्स हैं। हालांकि वह विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। सेंथिल ने पटना के सदाकत आश्रम में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और जिला अध्यक्षों के साथ बैठक में प्रेजेंटेशन के जरिए यह लक्ष्य दिया।
फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए भी दिए सुझाव
इसमें यह भी बताया कि बिहार इलेक्शन (Bihar Election) में टिकट का दावेदार कैसे अपने फॉलोअर्स की संख्या बढ़ा सकता है। सेंथिल ने किसी तरह की दिक्कत होने पर फोन नंबर भी जारी किया है। कांग्रेस नेतृत्व से लक्ष्य मिलने के बाद बिहार कांग्रेस में टिकट के दावेदार चिंतित हैं। ये कमेटियां टिकट बंटवारे में अहम भूमिका निभाएंगी। यह पहले की परंपरा में बदलाव है। पहले जमीनी स्तर पर लोगों की भागीदारी के बिना शीर्ष नेताओं द्वारा निर्णय लिए जाते थे। फिलहाल प्रत्याशियों का चयन शुरू नहीं हुआ है।