Rahul gandhi: 2 जून को हाथरस में हुई दर्दनाक घटना में अभी तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां पर भोले बाबा उर्फ नारायण सरकार का सत्संग चल रहा था और इसी दौरान मची भगदड़ से कई लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। मारे गए 121 लोगों की कहानी दर्द बयां करती है और हर किसी के परिजनों का रोरोकर बुरा हाल है, लेकिन पिलखना निवासी छोटेलाल ने इस हादसे में अपने जीने की आस ही खो दी है क्योंकि इस हादसे में उनके बेटे और उनकी पत्नी की मौत हो गई है। वहीं शुक्रवार को छोटेलाल के परिवार से मिलने राहुल गांधी पहुंचे। जिसे देखकर छोटेलाल और उनके परिजनों को थोड़ा हौसला मिला।
छोटेलाल से मिलने पहुंचे Rahul gandhi
हाथरस की घटना से पूरा देश सदमें में है। हर कोई ईश्वर से यही प्राथना कर रहा है कि मृतकों के परिजनों को इस मुश्किल घड़ी में हिम्मत मिलें। तो उधर शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पिलखना कस्बे में पहुंचें । यहां पर राहुल गांधी इस हादसे में बेटा और अपनी पत्नी खोने वाले छोटेलाल के घर पहुंचे थे जो कि खुद घटनास्थल पर मौजूद थे लेकिन वो अपनी बीवी और एकलौते बेटे को नहीं बचा पाए।
राहुल गांधी (Rahul gandhi) ने पूरे घटनाक्रम के संबंध में छोटेलाल से जानकारी ली और साथ ही उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन देते हुए उन्हें हिम्मत भी दी। इसी दौरान छोटेलाल की मां और बेटी इस हादसे के बारे में बात करते हुए खुद को रोक नहीं पाए और राहुल गांधी से लिपटकर बुरी तरह रोने लगे। परिवारजनों की ये हालत देख राहुल और उनके साथ आए अन्य नेताओं ने उन्हें संभाला। इस दौरान मौके पर एडीएम प्रशासन, एसपी देहात के साथ साथ अन्य अधिकारी मौजूद थे।
परिवार को Rahul gandhi में नजर आया अपनापन
इस पूरी मुलाकात के दौरान राहुल ने जिस सादगी और सहजता के साथ परिवार से मुलाकात की थी उसकी गहरी छाप उन सभी के दिलों पर पड़ गई। राहुल गांधी के हाथरस रवाना होने के बाद जब परिवार से राहुल के दौरे के संबंध में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया की राहुल (Rahul gandhi) ने घटनाक्रम के साथ साथ समस्याओं और शिकायतों को भी बड़े ही ध्यान से सुना।
इस दौरान छोटेलाल की बेटी व मां ने कहा कि राहुल ने जिस अंदाज में बात की उससे ऐसा लगा की मानों कोई अपना उनसे मिलने आया हो इसलिए वो खुद को रोक नहीं पाई और बुरी तरह रोने लगी। इस दौरान राहुल ने भी परिवार को आर्थिक मदद दिलवाने का भरोसा दिलाया साथ ही बताया की वो परिवार से साथ हमेशा खड़े रहेगें, और अगर जरूरत पढ़ेगी तो सदन में भी इस मुद्दे को उठाकर दोषियों को सजा दिलवाई जाएगी।
लोगों को अब बाबा पर नहीं है भरोसा
राहुल गांधी (Rahul gandhi) ने परिजनों से मुलाकात के दौरान भोले बाबा का तो कोई जिक्र नहीं किया लेकिन परिवारजनों का कहना है कि जो घटना उनके साथ घटित हुई है उसके बाद उनका बाबा से भरोसा उठा गया है। और अब वो इस तरह के किसी भी आयोजन में हिस्सा नहीं लेंगे। क्योंकि बाबा पाखंड के अलावा कुछ नहीं करता वो भोलभाले लोगों को गुमराह करता है। सिर्फ इसी परिवार ने नहीं बल्कि पिलखना कस्बे के करीब 150 लोगों ने ये ऐलान किया है कि वो अब बाबा के किसी भी सत्संग में शामिल नहीं होंगे और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग करेंगे।